पंजीकृत जमीन से ज्यादा जगह पर निर्माण की शिकायत
खैरागढ़ : पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने शहरी क्षेत्र मे 2017 से पहले सरकारी जमीन में अतिक्रमण करने वालों को व्यवस्थापन की सौगात दीं थी जिसका लाभ शहर के अलग अलग वार्डों मे दो दर्जन से अधिक लोगों ने जिसका लाभ उठाया है। काबिज सरकारी जमीन का रजिस्ट्री कराकर स्वामित्व भी प्राप्त कर लिया गया किंतु अब ज़िला प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर कई भूस्वामित्व प्राप्त करने वाले वार्डवासियों ने रजिस्ट्री से अधिक भूमि पर कब्जा जमाते हुए कई मंजिला इमारत तान दिए हैं। जिसकी शिकायत कुछ वार्ड के जिम्मेदार नागरिकों के द्वारा जिला प्रशासन को मौखिक तौर पर शिकायत कर दिया गया है जिसके चलते नजूल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर टंकेश्वर प्रसाद साहू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शहरी क्षेत्र के आरआई एवं पटवारी से दो दिवस के भीतर सर्वे कर जिला नजूल कार्यालय को रिपोर्ट सौंपने कह दिया है।
क्या है पूरा मामला:― खैरागढ़ शहर में निर्धारित रजिस्ट्री वाली जमीन से ज्यादा में भू स्वामियों के द्वारा निर्माण किया गया है जिसकी शिकायत वार्ड वाशियों के द्वारा सूचना देकर बार-बार जिला प्रशासन को बताया जा रहा था। जिसे देखते हुए नये सिरे से हितग्राहियों की जमीन के सर्वे का निर्णय लिया गया है। नजूल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर टन्केश्वर प्रसाद साहू ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र मे 2017 से पहले सरकारी जमीन पर मकान दुकान बनाकर निवासरत लोगो को राहत देने की योजना शरू किया गया था। जिसका शहर के अलग अलग वार्डों मे दो दर्जन से ज्यादा लोगो ने इसका लाभ लिया है ।
योजना के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें अतिक्रमित जमीन का स्वामित्व प्रदान कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि सर्वे और रजिस्ट्री के दौरान कच्चा अतिक्रमण करने वाले कुछ लोगो ने रजिस्ट्री के बाद कच्चे को पक्के में तब्दील करते हुए निर्धारित पंजीकृत जमीन से ज्यादा जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कराया है या करा दिया गया है। उन सभी लोगो की जमीन का टीम गठित कर नए सिरे से सर्वे कराया जाएगा। नजूल अधिकारी साहू ने कहा कि सर्वे के दौरान पूर्व मे निर्धारित जमीन से ज्यादा मे निर्माण पाए जाने पर कड़ी कारवाई करते हुए उक्त अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाएगा।
गौरतलब है कि योजना का लाभ लेने पचास से ज्यादा लोगो ने आवेदन दिया था जिसमें पटवारी प्रतिवेदन, राजस्व निरीक्षक द्वारा मौका निरीक्षण सहित तहसीलदार, एसडीएम द्वारा भी बारीकी से जांचकर प्रकरण बनाया गया जिसके बाद विभिन्न विभागों और नगर निवेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद ही कलेक्टर के आदेश पर अतिक्रमित सरकारी जमीन का रजिस्ट्री कराकर स्वामित्व प्रदान कर दिया गया था। लेकिन निरीक्षण और रजिस्ट्री के दौरान कम जमीन दिखाने वाले कतिपय लोगो द्वारा निर्धारित पंजीकृत जमीन से ज्यादा जमीन पर मकान दुकान का निर्माण कराया जा रहा है। शिकायत बाद ज़िला प्रशासन ने नए सिरे से सर्वे का फैसला लिया है ताकि शासन की आंखों मे धूल झोंकने वालों पर कड़ी कारवाई कीया जा सके।