नई दिल्ली। किसान आंदोलन को रोकने के लिए राजधानी दिल्ली की सीमाओं को बंद कर दिया गया है। इतना नहीं दिल्ली बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में पुलिसबल भी तैनाती भी की गई है और 12 मार्च तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। अब सवाल ये हैं कि धारा 144 कब लगती और इसमें क्या-क्या पाबंदियां रहती हैं?
धारा 144 क्या है?
यह भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता यानी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) का एक प्रावधान है, जिसे शांति बनाए रखने या फिर किसी आपात स्थिति से बचने के लिए लागू किया जाता है।
धारा 144 कब लागू की जाती है?
किसी भी स्थान या शहर में दंगे, हिंसा, आगजनी, मारपीट या सांप्रदायिक झगड़े रोकने, सुरक्षा संबंधी खतरा होने, सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान न आने देने और बीमार के प्रचार को रोकने की लिए लागू की जाती है।
सवाल: धारा 144 लगाने का अधिकार किसके पास है?
राज्यपाल, कलेक्टर/जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट/अन्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट जरूरत पड़ने पर एक अधिसूचना जारी कर धारा 144 लगा सकते हैं। हालांकि, आदेश में यह बताना जरूरी है कि धारा 144 क्यों लगाई जा रही है, किस इलाके/क्षेत्र में लगाई जा रही है और इसके तहत कब से कब तक पाबंदी रहेगी।
सवाल : धारा 144 के तहत क्या-क्या प्रतिबंधित है?
धारा-144 के तहत ये पाबंदियां लग जाती हैं...
तीन या इससे अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठे होने पर पाबंदी।
निर्दिष्ट क्षेत्र (specified area) के भीतर आवाजारी पर रोक।
किसी भी प्रकार के हथियार ले जाने पर पाबंदी।
किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ ले जाने पाबंदी।
रैली, जुलूस, आंदोलन, सार्वजनिक समारोह पर रोक।
सड़कों व मार्गों को अवरुद्ध करने पर भी प्रतिबंध है।
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक रहती है।
इंटरनेट सेवाएं भी आम लोगों के लिए बंद कर दी जाती हैं।
सवाल: कितनी अवधि के लिए लगती है धारा-144?
धारा 144 को आमतौर पर दो महीने से ज्यादातर समय तक के लिए नहीं लगाई जा सकती है। कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे- लोगों की जान को खतरा या फिर किसी दंगे व हिंसा को टालने के लिए इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से अधिक समय के लिए नहीं लगाई जा सकती है।
सवाल: धारा 144 का उल्लंघन करने पर क्या होता है?
धारा 144 का उल्लंघन करने पर छह महीने की जेल की सजा या जुर्माना या फिर जेल और जुर्माना दोनों का दंड मिल सकता है।