फ़रीदाबाद : अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्टीय अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड मिर्जापुर बल्लभगढ़ फरीदाबाद मे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को नमन करते हुए बताया देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन आज ही के दिन हुआ था |
स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने के बाद आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के तौर पर जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धियों से इतिहास भरा पड़ा है. जवाहरलाल नेहरू ने राजनीतिक जीवन के व्यस्ततम
उनकी रचनाएं उन्हें एक संवेदनशील साहित्यकार और एक विद्वान इतिहासकार के रूप में पेश करती हैं. ‘पिता के पत्र' के रूप में संकलित बेटी इंदिरा गांधी को लिखे उनके पत्रों में कुदरत के प्रति लगाव और देश-दुनिया के सरोकारों के प्रति एक दृष्टि विकसित कर सकने की चिंता देखी जा सकती है. उनकी लिखी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया' ने सफलता के नये प्रतिमान स्थापित किए और इसके आधार पर बने ‘भारत एक खोज'
धारावाहिक ने इसे घर घर तक पहुंचा दिया
इस मौके पर हरियाणा केबिनेट मंत्री पंडित मूल चंद शर्मा ने आए हुऐ सभी वरिष्ठ अतिथियों का स्वागत कर संबोधन किया
हरियाणा केबिनेट मंत्री पंडित मूल चंद शर्मा ने कहा कि डॉ एम पी सिंह अपने ट्रस्ट के माध्यम से हमेशा से जमीनी स्तर पर कार्य करते हैं हमे इनसे हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है इन्होंने हमेशा आमजन के लिए ही कार्य किए हैं
डॉ एम पी सिंह ने कहा- कि प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति की विपरीत दिशा में विचलित नहीं होना चाहिए उन्होंने कहा कि प्रकृति एक सीख है क्योंकि प्रकृति की आस्था का प्रतीक ईश्वर है जहां आस्था है वही ईश्वर है ।
जीवन तब जटिल बन जाता है जब हम सीखना बंद कर देते हैं। यह संपूर्ण प्रकृति एक सीख और सिखावन से प्रदान करती है ताकि हम उससे कुछ सीख कर अपने जीवन को और सरल, खुशहाल व आनंदमय बना सकें।
चींटी से मेहनत बगुले से तरकीब और मकड़ी से कारीगरी ये हमें अपने जीवन में सीखनी चाहिए। नन्हीं सी चींटी महीने भर मेहनत करती है और और साल भर आराम और निश्चिंतता से अपना जीवन जीती है। बिना मेहनत के जीवन खुशहाल और निश्चिंत नहीं बन सकता ये उस नन्हीं सी चींटी के जीवन की सीख है।
वैसे तो बगुले को उसके ढोंग के लिए ही जाना जाता है मगर बगुले का वह ढोंग भी मनुष्य को एक बहुत बड़ी सीख दे जाता है। रास्ते बदलो पर लक्ष्य नहीं बदलो। कभी-कभी बहुत मेहनत के बाद भी कार्य सिद्ध नहीं हो पाता मगर वही कार्य कम मेहनत में भी सिद्ध हो सकता है, बस आपके पास उसकी तरकीब अथवा तरीका होना चाहिए।
मकड़ी हमें रचनात्मकता की सीख देती है। अगर हम सदैव कुछ रचनात्मक करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं तो एक दिन हम पायेंगे कि हमारी रचनात्मकता सृजन का रूप ले चुकी होती है और एक नया अविष्कार हमारे द्वारा संपन्न चुका होता है। कारीगरी मानव जीवन का अहम पहलू है। मकड़ी की तरह अपने कार्य में निष्ठापूर्वक व्यस्त रहो और मस्त रहो मगर केवल जीवन की उलझनों में कभी भी अस्त-व्यस्त मत रहो ।
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ ह्रदयेश कुमार ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश सर्व शिक्षा अभियान व नशा मुक्ति अभियान को पूरे देश में फुलों में धागे की तरह डालकर उन बच्चों के लिए जो पढ़ने लिखने में असमर्थ हैं उनको उनके मुकाम पर पहुंचाना है साथ ही जल संरक्षण व बेटी बचाओ का अभियान के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहें हैं |