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राहुल गांधी ने संसद में उठाया मुद्दा, बोले- ‘विपक्ष चाहता है वोटर लिस्ट पर बहस’

राहुल गांधी ने संसद में उठाया मुद्दा, बोले- ‘विपक्ष चाहता है वोटर लिस्ट पर बहस’

Parliament Session: संसद में आज से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया है। यह चरण 4 अप्रैल तक चलेगा। इस सत्र में कुल 16 बैठकें होंगी। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी। वहीं लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट का मामला उठाया। कांग्रेस सांसद ने इस मुद्दे पर चर्चा की भी मांग की है। 

वोटर लिस्ट पर संसद में चर्चा की जाए
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ यह कह रहा है कि संसद में इस पर चर्चा हो जाए। इस पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अपील की कि वोटर लिस्ट पर बोलने का मौका दे दीजिए। 

‘वोटर लिस्ट कोई सरकार नहीं बनाती’
दरअसल, सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वोटर लिस्ट कोई सरकार नहीं बनाती, ऐसे में यहां पर यह मुद्दा क्यों उठ रहा है? लोकसभा अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद राहुल गांधी ने कहा कि सरकार मतदाता सूची नहीं बनाती, यह तो सबको पता है। लेकिन जब सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ ये कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर यहां चर्चा हो जाए। लोकसभा में ओम बिरला ने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खरी 

मतदाता सूची पर उठ रहे सवाल
बता दें कि महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हार के बाद विपक्ष ने मतदाता सूची पर सवाल उठाए थे। वहीं हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने मतदाता सूची पर सवाल उठाए थे। जिन राज्यों में विपक्ष चुनाव हार रहा है वहां पर मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम काटने और नए नाम जोड़ने का मुद्दा उठाया जा रहा है। 

ममता बनर्जी ने भी वोटर लिस्ट पर उठाए सवाल
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। लेकिन इससे पहले प्रदेश में वोटर लिस्ट को लेकर मुद्दा उठाया जा रहा है। सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।

कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा चुनाव आयोग सरकार के कब्जे में है। अगर लोकतंत्र ऐसे ही चलता रहा और चुनाव आयोग सरकार की पैरवी करता रहा तो निश्चित रूप से जो नतीजे आएंगे, वे आपके सामने है। अगर ऐसी ही व्यवस्था चलती रहेगी तो वह लोकतंत्र नहीं दिखावा है। हमें कई वर्षों से संदेह है। जमीन पर क्या होता है, वह सभी को पता है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।(एजेंसी)

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