"हमसे का भूल हुई। जो ये सज़ा हमका मिली।" या फिर "कि रब मुझे माफ करे। मेरा इंसाफ करे।" या इसे ले लीजिए,"मुहब्बत अब तिजारत बन गई है। तिजारत अब मुहब्बत बन गई है।" ये सभी गीत इन साहब ने गाए थे। नाम है इनका अनवर हुसैन। एक वक्त के नामी गायक। जिनकी गायकी से खुद रफी साहब भी प्रभावित हुए थे। आज अनवर हुसैन का जन्मदिन है। 1 फरवरी 1949 को अनवर हुसैन का जन्म हुआ था। पिता आशिक हुसैन पुराने ज़माने के बहुत नामवर संगीतकार गुलाम हैदर के असिस्टेंट थे। वो एक नामी सितार नवाज़ और हारमनोनियम नवाज़ भी थे। और उन्होंने ही अनवर को संगीत की तालीम दी थी। भविष्य में किसी दिन अनवर हुसैन जी की पूरी कहानी कहूंगा। अभिनेत्री आशा सचदेव से इनका क्या रिश्ता है? अरशद वारसी रिश्ते में इनके क्या लगते हैं? 70 और 80 के दशक में फला-फूला इनका करियर अचानक 90 के दशक में कैसे तबाह हो गया? ये सारी बातें इनकी कहानी में बताई जाएंगी। अनवर हुसैन जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।