सदाबहार फिल्मों के बेहतरीन कलाकार राजेंद्र कुमार आज भले ही हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके बेहतरीन अभिनय ने उन्हें दर्शकों के दिलों में जिंदा रखा है. राजेंद्र बॉलीवुड के उन कलाकारों में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने को-स्टार को हमेशा साथ दिया. मुसीबत पड़ने पर भी उनका साथ नहीं छोड़ा. ऐसा ही उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में विलेन रहे अजीत खान के साथ भी किया था।
राजेंद्र कुमार अपने चार दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया. कई फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया और डायरेक्टर बन कर कई नए सितारों का करियर बुलंदी पर पहुंचा दिया. 60 के दशक में राजेंद्र की एक ही समय पर उनकी पांच से छह फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुआ करती थी. यही कारण रहा कि इंडस्ट्री में वह जुबली कुमार के नाम से मशहूर हो गए. इसके साथ ही फिल्म इंडस्ट्री में उनकी दोस्ती और यारी काफी पसंद थी।
कहा जाता है कि एक्टर अजीत खान के साथ उनकी दोस्ती काफी फेमस थी. दोनों की जोड़ी फिल्मों में जितनी हिट हुआ करती थी. उतनी ही दोनों पर्सनल लाइफ में एक दूसरे को काफी पसंद करते थे।
अजीत खान के बारे में बता दें कि उनका जीवन काफी कष्टमय रहा है. कहा जाता है कि हीरो बनने के लिए उन्होंने अपनी किताबें बेच दी थी ताकि वो मुबंई आ सके. मुबंई आने के बाद उन्होंने काफी संघर्ष किया. रहने के लिए उनके पास घर नहीं था वह सीमेंट की पाइप में रहकर गुजारा करने पर मजबूर हो गए थे।
लंबे वक्त तक संघर्ष करने के बाद अजीत खान ने साल 1946 में आई फिल्म 'शाहे मिस्श्र' से से डेब्यू किया.इसमें वह बतौर लीड हीरो दिखे थे. इसके बाद उन्होंने 'जीवनसाथी' और 'आपबीती' जैसी कई फिल्मों में काम किया।
अजीत जब बतौर हीरो बॉलीवुड में नहीं चले तो, राजेंद्र कुमार ने उन्हें विलेन बना दिया. उन्होंने अजीत को ऐसा विलेन बनाया जो दिखने में बेहद हैंडसम, कूल और कैजुअल था. जिसमें तमीज तहजीब थी. वह काफी पढ़ा-लिखा, सूट-बूट वाला एक तगड़ा मास्टरमाइंड था. अजीत अपने विलेन लुक से वो पॉपुलैरिटी हासिल की जिसे वह सही मायने में चाहते थे।
बतौर विलेन अजीत की पहली फिल्म 'सूरज'. यह उनके जीवन की पहली फिल्म थी, जिसमें अजीत को हीरो नहीं बल्कि विलेन के रोल के लिए चुना गया. अजीत ने हामी भर दी थी और फिर वह बन गए बॉलीवुड के 'लायन'. फिल्म में बतौर लीड एक्टर राजेंद्र कुमार थे. हालांकि जब फिल्म रिलीज हुई तो अजीत को दर्शकों ने राजेंद्र से कहीं ज्यादा प्यार दिया. उन्होंने फिल्म में राजेंद्र को जबरदस्त टक्कर दी थी।
आईएमडीबी की रिपोर्ट की मानें तो, वह राजेंद्र कुमार ही थे जिन्होंने अजीत को खलनायक की भूमिका के लिए राजी किया. अजीत का करियर ढलान पर था और राजेंद्र ने उन्हें खलनायक की भूमिकाएं निभाने का सुझाव दिया. अजीत इस बात से भी परेशान थे कि फिल्म प्रोड्यूसर निर्माता बतौर लीड एक्टर बनाकर छोटी फिल्में बना रहे थे. ऐसे में राजेंद्र कुमार ने अपना दिमाग लगाया और इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. उन्हें ये बात मालूम था कि अजीत अब बतौर लीड वाली फिल्मों को नजरअंदाज कर दूसरी फिल्मों में विलेन के तौर पर ही काम करेंगे. इसके बाद अजीत ने राजेंद्र से वादा किया कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं होगा जिससे उन्हें निपटना पड़े।