राष्ट्रीय

समझौते के बाद मणिपुर के सबसे पुराने विद्रोही समूह UNLF ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

समझौते के बाद मणिपुर के सबसे पुराने विद्रोही समूह UNLF ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा (Manipur Voilence) के बाद राज्य में शांति स्थापित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार कई कोशिशें कर रही थी. बुधवार को इस दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है. मणिपुर के सबसे पुराने विद्रोही समूह ने स्थायी शांति समझौते के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार कई दिनों से इस समूह से बात कर रही थी. यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने बुधवार को स्थायी शांति समझौते पर साइन कर दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी.

गृह मंत्री ने X पर लिखा, "एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है. यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर साइन किए हैं."

शाह ने आगे लिखा, "मणिपुर के घाटी स्थित सबसे पुराने आर्म्ड ग्रुप UNLF हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है. मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं. शांति और प्रगति के रास्ते पर उनकी यात्रा के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं."

मणिपुर में हुई जातीय हिंसा भड़कने के बाद सरकार लगातार मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रही है, लेकिन ऐसा पहली बार है कि उन्होंने इस तरह की बातचीत की आधिकारिक पुष्टि की है. इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि सरकार प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के एक गुट के साथ बातचीत कर रही थी.

3 मई से भड़की थी हिंसा
अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है. वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी (नागा और कुकी) की आबादी 40 प्रतिशत हैं. ये मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

UNLF के बारे में जानिए
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ मणिपुर के नाम से भी जाना जाता है. ये पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य में सक्रिय एक अलगाववादी विद्रोही समूह है. इसका मकसद एक संप्रभु और समाजवादी मणिपुर की स्थापना करना है.

UNLF की स्थापना 24 नवंबर 1964 को हुई थी. UNLF के अध्यक्ष आरके मेघन उर्फ सना याइमा पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भारत के खिलाफ "युद्ध छेड़ने" का आरोप लगाया गया है. हालांकि, UNLF के नेता का कहना है कि वह भारत या उसकी सेना को दुश्मन के रूप में नहीं देखता है. UNLF सिर्फ भारतीयों का विरोध करता है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2012 में स्वीकार किया कि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट की गतिविधियां मणिपुर राज्य में संप्रभुता लाने के लिए हैं. UNLF के चीफ सना याइमा का मानना ​​है कि मणिपुर मार्शल लॉ के तहत है. उन्होंने मणिपुर में हुए चुनावों के चरित्र और योग्यता पर सवाल उठाया था. उनका मानना ​​है कि इस संघर्ष को सुलझाने का सबसे लोकतांत्रिक साधन जनमत संग्रह है.

 

More Photo

    Record Not Found!


More Video

    Record Not Found!


Related Post

Leave a Comments

Name

Contact No.

Email