आज प्रथम नवरात्र पर होगी प्रेम शिष्टाचार और शिक्षा की शुरुआत*
धार्मिक क्षेत्र के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम रख रहा है अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट
कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों के लिए शुरू होंगी कोचिंग कक्षाएं
फ़रीदाबाद हरियाणा : धार्मिक क्षेत्र में प्रसिद्धि हासिल करने के बाद अब अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट शिक्षा के क्षेत्र में भी अब श्री गंगानगर में भी कदम रखने जा रहा है। ट्रस्ट के राष्टीय अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए फरीदावाद में पहले से ही लगभग 248 बच्चो को फ्री शिक्षा और स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है अब और ज्यादा विस्तार से कार्य करने के लिए शिक्षा मंदिर की स्थापना सरकारी मेडिकल कॉलेज के नजदीक स्थित प्रभु प्रेम भवन में की गई। 15 अक्टूबर रविवार को प्रथम नवरात्र पर प्रात: 11.15 बजे प्रभु प्रेम शिक्षा मंदिर की विधिवत शुरुआत की जा रही है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में ट्रस्ट द्वारा कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों के लिए नो प्रॉफिट नो लॉस की तर्ज पर उच्च गुणवत्ता युक्त ट्यूशन क्लासेज में शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डांस, एक्टिविटी तथा खेलकूद भी करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के दौर में बच्चों को पश्चिम देशों की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे मूल भारतीय संस्कृति और हमारे धार्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं।
इसलिए ट्रस्ट द्वारा संचालित शिक्षा मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ हमारे धार्मिक एवं सामाजिक कर्तव्यों की जानकारी और शिक्षा छोटे बच्चों को शुरु से ही दी जाएगी, ताकि वे बड़े होकर समाज में भारतीय मूल संस्कृति को जीवित रख सकें। अगर महंगाई की बात करें तो आज शिक्षा सर्वाधिक महंगी हो गई, सामान्य परिवारों द्वारा बच्चें को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा दिला पाना बड़ा मुश्किल हो गया है। ऐसे में शिक्षा मंदिर के माध्यम से आर्थिक रूप से वहन लायक खर्च (नो प्रॉफिट नो लॉस की तर्ज) में उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि अभिभावकों के लिए उनके बच्चें की शिक्षा एक बोझ की तरह न हो और वे उसे खुशी-खुशी वहन कर सके। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा मंदिर की कमेटी ऐसे बच्चें को चिन्हित करेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हों उन्हें नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि वे बड़े होकर शिक्षित समाज का हिस्सा बन सकें।