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बिलकिस बानो मामल: दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सरेंडर का समय बढ़ाने से किया इनकार

बिलकिस बानो मामल: दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सरेंडर का समय बढ़ाने से किया इनकार

Bilkis Bano Case, बिलकिस बानो मामले में समय से पहले रिहा किए गए 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को रविवार तक सरेंडर करने का आदेश दिया है। अदालत ने और समय दिए जाने की उनकी याचिका खारिज कर दी है।

बिलकिस बानो के दोषियों ने सरेंडर करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इन दोषियों की ओर से कुछ समय की मोहलत के लिए कई तरह के कारण दिए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बिलकिस बानो मामले में दोषी 11 लोगों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। दोषियों ने आत्मसमर्पण करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने पारिवारिक शादियों, फसल का मौसम, आश्रित माता-पिता से लेकर कई अन्य कारणों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा है। जिसके बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों ने जो कारण बताए हैं, उनमें कोई दम नहीं है।आवेदकों द्वारा आत्मसमर्पण को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए दिए गए कारणों में कोई दम नहीं है। इसलिए अर्जियां खारिज की जाती हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, हमने पहले ही आपको 2 सप्ताह का समय दिया था ताकि आप अपने काम निपटा सकें। इस पर दोषियों में से एक रमेश रूपाभाई चंदना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी चिताम्बरेश ने कहा कि वह 62 वर्ष के हैं। वह अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने वाले इकलौते हैं। उनकी शादी नहीं हुई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि, हमें अन्य मुद्दों पर जाने की जरूरत नहीं है। कानून के शासन का उल्लंघन हुआ क्योंकि गुजरात सरकार के पास जो पावर नहीं थी उसे भी अपने हाथों में लिया और उसका दुरुपयोग किया। इस आधार पर छूट के आदेश भी रद्द किए जाने योग्य हैं। हम गुजरात सरकार द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के आधार पर छूट के आदेशों को भी रद्द करते हैं।

गुजरात सरकार द्वारा समय से पहले रिहा किए गए 11 दोषियों में बकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चांदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं। इन सभी ने गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद 2002 में भड़के दंगों के दौरान बानो के साथ दुष्कर्म किया गया था। यही नहीं उन्होंने बिलकिस के परिवार के सात लोगों को भी मार डाला था।

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