कोरिया

कोरिया जिले की आंगनबाड़ियों में सप्लाई करतीं हैं सेहत का लड्डू

कोरिया जिले की आंगनबाड़ियों में सप्लाई करतीं हैं सेहत का लड्डू

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

ज्योति स्व-सहायता समूह की महिलाएं बनातीं हैं रागी,सत्तू, ज्वार और बाजरे के लड्डू

महतारी वंदन योजना से दूर हुई घरेलू खर्च की चिंता,अब उत्पादन बढ़ाने में ध्यान

रायपुर : जहां चाह वहां राह इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है एक महिला स्व-सहायता समूह ने, कोरिया जिले के छोटे से ग्राम आनि में संचालित ज्योति महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं जिले की आंगनबाड़ियों में रागी, सत्तू,ज्वार और बाजरे से बने लड्डू सप्लाई करती हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की महिला सशक्तिकरण की नीतियों से प्रभावित समूह की महिलाएं अपने हाथों से सेहत का लड्डू तैयार करती हैं। जिले की आंगनबाड़ियों में इन लड्डुओं को गर्भवती, शिशुवती माताओं एवं सुपोषण के लिए नवजात शिशुओं की माताओं को खिलाया जाता है।

ज्योति स्व-सहायता समूह की महिलाएं बनातीं हैं रागी,सत्तू, ज्वार और बाजरे के लड्डू

समूह की अध्यक्ष श्रीमती सविता सिंह हैं। समूह की सदस्य श्रीमती गुलनाज़ बेगम बताती हैं कि पहले उनका समूह छोटे-मोटे उत्पाद के जरिए अपनी आजीविका चलाता है। फिर समूह ने जिले में सुपोषण की मांग के अनुरूप रागी, सत्तू,ज्वार और बाजरे के लड्डू बनाना शुरू किया। इसके लिए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की पहल और प्रोत्साहन से एक लाख 50 हजार रुपए का लोन मिला। 

समूह की अन्य सदस्य श्रीमती राशिदा ने बताया कि हम समूह में स्वच्छता का ध्यान रखते हुए काम करते हैं। लड्डू निर्माण की पूरी प्रकिया में हाइजीन का विशेष ध्यान दिया जाता है। श्रीमती राशिदा ने बताया कि समूह में 20 महिलाएं हैं। सभी गृहणियां हैं। हमें स्थानीय प्रशासन की ओर से 60 हजार रुपए का भी ऋण प्रदान किया गया है। हमारा समूह जिले के लगभग 500 आंगनबाड़ियों को लड्डू सप्लाई करता है। राशिदा ने बताया महतारी वंदन योजना का लाभ मिलने की वजह से समूह की महिलाओं के सामने घरेलू खर्च की चिंता कम हुई है, इस वजह से समूह की महिलाएं ध्यान लगाकर समूह के में उत्पादन बढ़ाने में ध्यान दे रही हैं।

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