
बेमेतरा : ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर आज ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं की कार्यशाला जिला पंचायत के सभागार में रखा गया। जिसमे महादेव कावरे ने कहा कि शासन के निर्देश पर यह कार्यशाला आयोजित की गई है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट को खाद के रूप में उपयोग में लाना है। हमारे पूर्वज घुरवा का निर्माण कर कम्पोस्ट खाद तैयार करते रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा भी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में भरपूर जोर दिया जा रहा है। राज्य सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन रायपुर श्रीमती अभिलाषा आनंद द्वारा मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया। इसमे जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सरपंच/सचिव एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
बरसात के पानी को बचाने एवं प्रदूषित जल से होने वाले रोगों से बचाव के बारे में चर्चा की गई। प्लास्टिक प्रतिबंधित क्षेत्र में आज जिला पंचायत में डिस्पोजल गिलास का उपयोग प्रतिबंधित किया गया। सभी को कांच के गिलास, चिनी मिट्टी के बर्तन एवं दोना पत्तल में भोजन कराकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया। तकनिकी रूप से राज्य सलाहकार द्वारा पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से समझाया गया। जिससे ग्रामवासियों को आसानी से समझाया जा सका।
उक्त प्रशिक्षण में लगभग 25 ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं स्वच्छता समूह के सदस्यों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में ठोस एवं अपशिष्ट के प्रबंधन के अंतर्गत पृथक्करण, घरेलू कचरा प्रबंधन, नाडेप टैंक, वर्मी कम्पोस्ट इत्यादि का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया जाएगा एवं एक स्व-सहायता समूह को संलग्न कर अपशिष्ट प्रबंधन कार्य का क्रियान्वयन किया जाएगा, इसके लिए तिपहिया वाहन, हाथ गाड़ी तथा अन्य सामग्री महिला समूहों को वितरण किया जाएगा। वर्ष 2019-20 में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में इस कार्य कार्य हेतु लगभग 84 ग्राम पंचायतों का जिले स्तर पर चयन किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी बी.आर. मोरे, उप-संचालक पंचायत डी.के. कौशिक, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के सभी समन्वयक, संकुल समन्वयक उपस्थित थे।