अंबिकापुर : महिला एवं बाल विकास विभाग, यूनिसेफ और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 22/11/24 को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय किशोर सशक्तिकरण एवं बाल विवाह रोकथाम । इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती ममता चौहान, यूनिसेफ, जिला समन्वयक,जिला सरगुजा, श्रीमती सुमंती खाखा ,विधिक सहपरवीक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, डॉ.डी.के.सोनी,वरिष्ठ वकील (RTI specialist) रहे।
इनके द्वारा द्वारा विभिन्न मुद्दों पर जैसे बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा,जल स्वच्छता, बालश्रमिक निषेध, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शाला त्यागी बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने, स्पॉन्सरशिप योजना,किशोर सशक्तिकरण आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई । कार्यशाला में मुख्य वक्ता श्रीमती ममता चौहान ने बाल विवाह के दुष्टप्रभाव और रोकथाम पर अपनी प्रस्तुतीकरण दी। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में बाल विवाह की स्थिति, बाल विवाह के कारण, प्रभाव, उपाय एवं बाल विवाह के खिलाफ कानूनी उपाय के बारे में जानकारी देते हुए सरगुजा जिला को बाल विवाह मुक्त करने की अपील भी किए। श्रीमती सुमंती खाखा द्वारा पाक्सों एक्ट, यौन शोषण के कानूनी जानकारी पर विस्तृत चर्चा हुई।इन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में छात्रों को अवगत कराया ।
डॉ . डी.के.सोनी जी वरिष्ठ वकील द्वारा RTI एवं बाल अधिकार कानून एवं संरक्षण विषय पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को स्वस्थ समाज के लिए जागरुक किया गया। महाविद्यालय के के प्राचार्य श्री आर.जे.पाण्डे जी की मार्गदर्शन में यह कार्यशाला संपन्न हुई। प्राचार्य महोदय द्वारा यूनिसेफ एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम की सराहना किए। इस कार्यशाला का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री अमित कुमार बघेल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक, प्राध्यापिका गण ,राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं सेवकों के साथ महाविद्यालय के अन्य छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।