
नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा
बेमेतरा । कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज जिले के कृषि विभाग के मैदानी अमलें, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारिया,ें ब्लाॅक के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों, की संयुक्त बैठक लेकर खरीफ सीजन 2019 की तैयारियों, खाद-बीज का वितरण एवं उठाव, एवं छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी के संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश कुमार सर्वे, उप संचालक कृषि एच.एस.राजपूत, एसडीओ कृषि राजकुमार सोलंकी, सहायक संचालक कृषि शशांक शिंदे उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कम्पोस्ट पीट बनाये जाने के लिए ग्रामीणों को अधिक से अधिक प्रेरित करने के निर्देश दिये। इससे फसल की पैदावार में वृद्वि होती है। जिसमें अतिरिक्त गोबर, शेष बचा चारा, खराब पैरा कुट्टी भरा जाकर कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाता है। कलेक्टर ने कहा कि जिले में वर्तमान में 66 स्थानों पर गोठान निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। गोठान की भूमि की घेरा बंदी कर बाहर की ओर से सीपीटी बनायी जाएगी। गौठान में पशुओं की विश्राम करने के लिए शेड एवं चबुतरा तैयार किया जाएगा। वर्तमान में जन सहयोग से पशुचारा (पैरा) की व्यवस्था की जा रही हे। बारिश के दिनों में गौठान के बाहर छायादार पौधे लगाए जाएगें। उपसंचालक कृषि ने बताया कि आने वाले खरीफ सीजन के लिए जिले में पर्याप्त खाद-बीज का भंडारण कर दिया गया है। किसान अपनी सुविधानुसार खाद एवं बीज का उठाव कर रहा है।
कलेक्टर ने आर.ए.ई.ओ को किसान पोर्टल में ग्रामवार आधारभूत जानकारी पोर्टल में अपलोड करने के निर्देश दिये। यह कार्य चालू मई माह के अंत तक पूरा हो जाना चाहिए। अन्यथा संबंधित आर.ए.ई.ओ. के उपर कार्यवाही की जावेगी। कलेक्टर ने किसानों से फसल अवशेष खेत में नहीं जलाए जाने की अपील की। यह एन.जी.टी. के फैसले के खिलाफ है। इसके अलावा जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को रिटेलर्स एवं डीलर यहां बेचे जाने वाले खाद-बीज एवं कीटनाशक दवाई की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिये। उर्वरक विक्रेता द्वारा पी.ओ.एस मशीन का उपयोग हो रहा है अथवा नहीं इसकी भी जांच करने को कहा। बैठक में स्वायल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि की भी समीक्षा की गई।