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बेमेतरा : कलेक्टर महादेव कावरे ने कल साजा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मौहाभाठा एवं तेदुंभाठा का दौरा किया। गौठान निर्माण के लिए मनरेगा के तहत 19-19 लाख रूपए स्वीकृत किये गये है। ज्ञात हो कि जिले के सभी चार विकासखण्ड के अंतर्गत चार स्थानों पर आदर्श गौठान का निर्माण कराया गया है।
माॅडल गौठान के रूप में इनमें नवागढ़ ब्लाॅक के नारायणपुर, बेमेतरा के बटार, साजा ब्लाॅक के मौहाभाठा, एवं बेरला के ग्राम सांकरा शामिल है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी योजना के क्रियान्वयन का जायजा लिया। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों से चर्चा की व गोठान से जुड़कर रोजगार मूलक कार्य शूरू करने के लिए प्रेरित किया। जिले के प्रत्येक गोवों में गोठान निर्माण कराया जाएगा वहां चारा, पानी की व्यवस्था रहेगी। गोठान में छाया की व्यवस्था, बोर खनन, सोलर पंप, पानी टंकी (टांका) नाडेब खाद (घुरूवा) फेन्सिंग, पानी निकासी के लिए नाली का निमार्ण कराया जाएगा। कलेक्टर ने किसानों को केचुंवा खाद तैयार करने के लिए वर्मी बेड देने के निर्देेश अधिकारियों को दिये।
जिले के कई गोठानों में मवेशियों के लिए जन सहयोग से चारे के लिए पैरा की व्यवस्था भी कर ली गई है। इसके अलावा गोठान के आस-पास आने वाले बारिश सिजन में वृक्षारोपण की तैयारी भी है। इसके लिए गड्ढे खोदे जा चुके है। गोठान के बाहर सी.पी.टी. कर दी गई है। जिले के सभी ग्राम पंचायतों में चारागाह के लिए घास जमीन का चिन्हांकन किया जा चुका है। कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इन ग्रामों में चल रहे अन्य विकास कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा कराने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने बताया कि गावों में गोठान से जोड़कर रोजगार मूलक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इस कार्य में महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है ताकि इस माध्यम से वे अपनी अजीविका चला सके और आर्थिर्क रूप से स्वालंबी बन सके। गोठान के गोबर गोमूत्र से खाद तैयार कर वे उसे आय का जरिया बना सकते है। इसके अलावा दूग्ध उत्पाद से भी उनकी आमदनी बढ़ेगी। कलेक्टर ने बताया कि गोठान के आस-पास बांस, फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाए जाएगें। यह भी उनके रोजगार का साधन बन सकता है।