बस्तर

निर्वाचन के दौरान सशर्त ध्वनि विस्तारक यंत्रो की अनुमति, छ.ग. कोलाहल नियंत्रण व ध्वनि प्रदूषण अधिनियम का करना होगा पालन

निर्वाचन के दौरान सशर्त ध्वनि विस्तारक यंत्रो की अनुमति, छ.ग. कोलाहल नियंत्रण व ध्वनि प्रदूषण अधिनियम का करना होगा पालन

हाशिम खान 

सूरजपुर/ भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के द्वारा विधान सभा निर्वाचन-2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। चूंकि निर्वाचन के दौरान सभी अभ्यर्थी, राजनैतिक दल, के कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति प्रचार-प्रसार के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न केवल स्थायी रूप से होता है, वरन विभिन्न वाहनों यथा जीप, कार, ट्रक, टेम्पो, तिपहिया स्कूटर सायकल, रिक्शा आदि पर घूम-घूम कर या स्थिर रखकर भी होता है। ये वाहन सभी गलियों, सड़कों एवं उप गलियों पर चलते हैं तथा गाव, बस्तियों, मोहल्लों एवं कालोनियों से बहुत ऊँची आवाज में लाउड स्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते हैं। लाउडस्पीकरों का ऊँची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग का अध्ययन बाधित होता लाउड स्पीकरों पर अबाध रूप से किये जाने वाले शोरगुल से वृद्ध, दुर्बल बीमार व्यक्ति को, चाहे वह किसी चिकित्सालय संस्थान में हो या घर में हो, बहुत परेशानी होती है।

       
इसी पर प्रकाष डालते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि ध्वनि विस्तारक यंत्र निर्वाचन प्रचार एवं जनसमूह के बीच अपने विचार व्यक्त करने के साधनों में से एक साधन है पंरतु विषम समय में, विषम स्थान पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अविवेकपूर्ण ऊँचे स्वरों पर अवैधानिक प्रयोग जिससे जनमानस की शांति एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
       
अतएव उपरोक्तानुसार वर्णित तथ्यों के प्रकाश में सभी पहलुओं पर विचार करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने विधान सभा निर्वाचन, 2023 की प्रक्रिया पूर्ण होने तक कानून व्यवस्था एवं चुनाव संबंधी आचार संहिता का पालन समुचित तरीके से हो सके, इस हेतु छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 की धारा-5 एवं ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण एवं नियमन) नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार निम्नांकित शर्तों के अधीन सूरजपुर जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का चलाया या चलवाया जाना प्रतिबंधित किया जाता है। जिले के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10ः00 बजे से प्रातः 8ः00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में, नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातः 6ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक ही सक्षम अधिकारी की अनुमति पश्चात् किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के अनुसार अनुज्ञेय सीमा में ही प्रयोग किये जायेंगे। लोक परिशांति को देखते हुए लम्बे चोंगे वाले लाउड स्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउड स्पीकर समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है।
       
चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग हेतु अनुमति के जिला मुख्यालय में कलेक्टर कार्यालय में भंडारी श्री नरेंद्र पैकारा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, सूरजपुर को सम्पूर्ण सूरजपुर जिला के लिए सक्षम प्राधिकारी घोषित किया जाता है। अनुविभाग प्रतापपुर क्षेत्र के आवेदक अनुविभागीय दण्डाधिकारी, प्रतापपुर के समक्ष तथा तहसील बिहारपुर क्षेत्र के आवेदक तहसील बिहारपुर में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अनुविभागीय दण्डाधिकारी, प्रतापपुर एवं तहसीलदार, बिहारपुर उक्त आवेदनों की जांच कर अभिमत सहित प्रतिवेदन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, सूरजपुर को प्रेषित करेंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन न हो, यह भी अनुमति प्राप्तकर्त्ता सुनिश्चित करेंगे।
     
वाहन से प्रचार करते समय अनुमति के साथ वाहन का पंजीयन रखना अनिवार्य होगा तथा बिना अनुमति लाउड स्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग या अनुमति में निर्दिष्ट अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात स्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करते पाए जाने की दशा में ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं वाहन जब्त कर लिया जावेगा तथा दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
       
ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में प्रातः 8ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यत किया जा सकता है, परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होम न्यायालय परिसर शासकीय कार्यालय छात्रावास, नगर पालिका परिषद, जनपद पंचायत एवं किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, राजनैतिक दलों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 तथा अन्य सुसंगत विधि अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तिथि तक सम्पूर्ण सूरजपुर जिले में प्रभावशील रहेगा

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