हाशिम खान
-जिले में अब तक कुल 2639 आवेदन पंजीकृत
सूरजपुर : पी.एम. विश्वकर्मा योजना के तहत जिले में पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का पंजीयन भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना में विष्वकर्माओं यानी कारीगरों और शिल्पकारों का रूझान लगातार बढ़ता ही जा रहा है । सूरजपुर जिला में अभी तक ग्राम पंचायत से 1731 आवेदन, शहरी स्थानीय निकाय से 908 आवेदन, कुल 2639 आवेदन पंजीकृत हुए हैं। ग्राम पंचायत द्वारा 773 आवेदन और शहरी स्थानीय निकाय द्वारा 21 आवेदन, कुल 794 आवेदनों का प्रथम स्तरीय सत्यापन किया गया, जिसे जिला क्रियान्वयन समिति द्वारा द्वितीय स्तरीय सत्यापन किया गया ।
इस योजनांतर्गत वही आवेदक पात्र होंगे, जो पंजीयन तिथि पर 18 वर्ष पूर्ण कर लिया हो, गत 05 वर्षों में राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी योजना में लाभ प्राप्त न किया हो । इस योजना का लाभ परिवार के एक ही सदस्य को प्राप्त होगा। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति के परिवार के सदस्य अपात्र होंगे ।
आवेदक सी.एस.सी. के माध्यम से पी.एम. विश्वकर्मा योजना पोर्टल, मोबाइल एप्प पर पंजीयन कर सकते हैं । इसके लिए आधार, मोबाईल नं. बैंक विवरण और राशन कार्ड अनिवार्य है। पंजीयन पूर्णतः निःशुल्क है। पात्र कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल उन्नयन के लिए 5 दिन का प्रशिक्षण, 500 प्रतिदिन की दर से प्रशिक्षण मानदेय और रू. 15 हजार रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाएगा ।
इच्छुक हितग्राहियों को पहले चरण में 18 माह के पुनर्भुगतान हेतु पहली किस्त रू. 1 लाख तक और दूसरे चरण में 30 माह के पुनर्भुगतान हेतु दूसरी किस्त रू. 2 लाख तक की ऋण सहायता मात्र 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी ।
महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र ने बताया कि इस योजना के तहत् 18 प्रकार के चयनित ट्रेड वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभान्वित किया जाएगा । इनमें बढ़ई, नाव बनाने वाले, अ़स्त्रकार, तालासाज, लोहार, औजार निर्माता, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, खिलौने निर्माता, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी एवं मछली जाल निर्माता शामिल है ।