राजनांदगांव

मातृ-पितृ पूजन दिवस में बच्चों ने मां-पिता के पखारे पांव की पूजा, छलक आए आंखों में आंसू

मातृ-पितृ पूजन दिवस में बच्चों ने मां-पिता के पखारे पांव की पूजा, छलक आए आंखों में आंसू

हाशिम खान 

-पुलवामा हमला पर दी श्रद्धांजलि

सूरजपुर :  विकासखण्ड के माध्यमिक शाला पतरापाली में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया गया। शिक्षण संस्थानों से बच्चे अपने-अपने माता-पिता के साथ आए थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। सभी बच्चों ने पुष्पांजली अर्पित कर अगरबत्ती, नारियल माँ सरस्वती के चरणों ने भेंट किया। सभी ने सरस्वती वंदना के साथ आरती की ततपश्चात प्रसाद, मिष्ठान का वितरण किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बच्चों ने अपने माता-पिता का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। चरण धोए, माता-पिता की आरती की, बच्चे जिस समय अपने माता-पिता से पूजन के दौरान गले लगे सभी का हृदय द्रवित हो गया। इस दौरान बच्चों और उनके माता-पिता के आंखें भर आई। पूजन के सामूहिक दृश्य से सभी आनंदित हुए। छात्रों एवं पालको को मातृ-पितृ दिवस के बारे में जानकारी देते हुए शिक्षक योगेश साहू ने बताया कि संत श्री आशारामजी, बापू जी ने मातृ-पितृ पूजन दिवस की शुरुआत की थी। 2007 में सबसे पहली बार यह दिन मनाया गया था। आज के दिन माता-पिता के समर्पण का दिन है। माता-पिता प्रत्यक्ष रूप से ईश्वर के रूप में होते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान से बड़ा माना जाता है. हिन्दू संस्कृति में हम अपने माता पिता की पूजा करते है. माता-पिता ने हमारे पालन-पोषण में कितना कष्ट उठाया है, हमारे लिए कितना त्याग किया है। इनकी पूजा-अर्चना व सेवा करने से छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी महान बन जाता है। ऐसे देवस्वरूप माता-पिता का जहाँ आदर-पूजन होता हो वहाँ की धरती माता भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानती है। आज के दिन देशभर में मातृ-पितृ पूजन दिवस भी मनाया जा रहा है। सनातन, संस्कृति और संस्कारों का यह एक बहुत बड़ा महत्व है।

       माता और पिता को बच्चों के साथ समय बीताना चाहिए। उनसे बातें करनी चाहिए। संतान को अपने माता-पिता से प्रतिदिन कुछ देर उसके विचारों को साझा करनी चाहिए। माता-पिता का भी बच्चों के प्रति मित्रवत व्यवहार हो। माता-पिता भी अपने संतान पर विश्वास रखें, उनका हौसला बढ़ाए। माता-पिता की सेवा कर हम अपना सिर्फ कर्तव्य का निर्वह्न करते हैं। इसलिए कम से कम कर्तव्य के पालन में चूक ना करें। साथ ही सभी बच्चों ने प्रण लिया कि हम सभी प्रतिदिन अपने माता पिता का चरण स्पर्श कर के ही स्कूल आएँगे।

       कार्यक्रम समाप्ति पश्चात जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी एस.यू.व्ही. बस से भिड़ा दी थी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के 40 जवान शहीद हो गए थे। उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी।

      कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानपाठक बीआर हितकर, महेन्द्र पटेल, अनिता सिंह,  कृष्ण यादव, योगेश साहू, रघुनाथ जायसवाल एवं सभी बच्चों ने अपना योगदान दिया।

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