
प्रभात महंती
सुबह पूजन हवन, दोपहर को शहर के अनेक मंदिरों में भंडारा का आयोजन
महासमुंद : बल-बुद्धि निधान और रामदूत हनुमान का जन्मोत्सव मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। हनुमान मंदिरों में सुबह से ही हनुमान चालीसा की धुन गूंजने लगी थी। इस दिन शहर के सभी हनुमान मंदिरों में उनकी विशेष पूजा-आराधना हुई। कहीं उन्हें चोला और प्रसाद चढ़ेगा तो कहीं सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ किए गए। कचहरी चौक स्थित सिद्ध श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में मंगलवार को सुबह हवन पूजन, आरती एवं ध्वजारोहण किया गया। दोपहर 12 बजे से आम भंडारा और रात 8 बजे महाआरती का आयोजन किया गया।
हनुमान जन्मोत्सव को लेकर एक दिन पूर्व ही तैयारी पूरी कर ली गई थी। मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई। आकर्षक लाइटिंग के अलावा रंग-रोगन किया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मंगलवार के अधिपति देव स्वयं हनुमान जी हैं। इस बार उनका जन्मोत्सव चित्रा नक्षत्र में मनाया गया, जो कि इस नक्षत्र के भी अधिष्ठाता मंगल देव हैं। मान्यता है कि हनुमानजी का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था। इस अवसर पर अन्य वर्षो की भांति ही विहिप, बजरंग द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
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जिसमें मंत्रोचार ध्वनि के एक विशेष अंदाज में ढोल का वादन कलाकारों द्वारा किया गया। इस दौरान महाकाल स्वरूप अघोरी नृत्य विशेष आकर्षण रहा। अघोरी नृत्य, श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की चलित झांकी और अयोध्या में विराजमान मूर्ति की झांकी, राधारानी की झांकी, हनुमान जी की झांकी, नंदी पर सवार शिवजी की झांकी, नवरूप दुर्गा माता का विशेष दर्शन हुए। शोभायात्रा में काली माता के विकराल रूप का दर्शन हुआ।
शोभयात्रा में उमड़े शहरवासी
विहिप, बजरंग दल द्वारा निकाली गई शोभयात्रा में शहर के सभी वर्गो के लोगो ने भागीदारी निभाई। शोभायात्रा श्रीरामजानकी मंदिर से प्रारंभ होकर गांधी चौक, नीलकंठ चौक, विठोबा टॉकीज, अम्बेडकर चौक, स्वामी चौक, नेहरू चौक, कचहरी चौक होते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मां दुर्गा मंदिर बरोण्डा चौक में समापन हुआ। बजरंग दल महासमुन्द द्वारा नकुल ढ़ीढी उद्यान के समीप दिन भर भण्डारे का आयोजन भी किया गया।