
एजेंसी
नई दिल्ली: भारतीय सेना के खुफिया विभाग ने जवानों के लिए हनी ट्रैप से संबंधित एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि दु्श्मन के संदिग्ध जासूस सेना के अधिकारियों और स्पेशल फोर्सेस के जवानों को निशाना बना रहे है। सैन्य खुफिया निदेशालय की ओर से जारी की गई एजवाइजरी में एक फोटो के साथ इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल 'ओएसोम्या' का हवाला दिया गया है, फिलहाल इंस्टा का यह अकाउंट बंद है। सैन्य खुफिया विभाग की गुप्त जानकारी चुराने वालों पर नजर होती है साथ ही वे सैन्य इलाकों में दुश्मन के जासूसों का पता लगाने का काम भी करते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2015 से 2017 के बीच हनी-ट्रैपिंग के पांच मामले सामने आए थे, इनमें से चार मामले थल सेना से और एक वायु सेना से जुड़ा था। हाल ही में जनवरी में भी हनीट्रैप में फंसने के बाद पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई को सूचना देने के मामले में एक जवान को गिरफ्तार किया गया था। सोमबीर नाम का यह जवान राजस्थान के जैसलमेर जिले में तैनात था और फेसबुक पर किसी अनिका चोपड़ा नाम की लड़की से रोज बात करता था। अनिका चोपड़ा का अकाउंट आईएसआई संचालित कर रही थी। जवान ने अपनी यूनिट और उसके मूवमेंट के बारे में अनिका चोपड़ा से हर जानकारी शेयर की थी।
हालांकि संवेदनशील सूचनाएं वह शेयर नहीं कर पाया क्योंकि वह जवान बहुत जूनियर था और उसके पास इस बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। जवान के हनी ट्रैप में फंसने के बाद सैन्य खुफिया विभाग ने कई संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट को ट्रैक किया था। इससे पहले साल 2018 में फरवरी में भी 51 वर्षीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाहा को पाकिस्तानी एजेंट्स को गोपनीय सूचनाएं और दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह भी हनी ट्रैप का शिकार हुए थे।
सेना के लिए सख्त गाइडलाइंस
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सेना के लिए सख्त गाइडलाइंस हैं। इन नियमों के आधार पर जवान सोशल मीडिया पर न वर्दी के साथ कोई फोटो लगा सकते हैं, न ही अपनी पहचान, रैंक, पोस्टिंग और अन्य जानकारियां उजागर कर सकते हैं।