डॉ.समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार।
नयी दिल्ली : अगले लोक सभा चुनाव में राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं बन सकता,क्योंकि इस मुद्दे पर पहले ही लाल कृष्ण आडवाणी की अगुवाई में चुनाव लड़ा जा चुका है और भाजपा दो से 80 सीटें हासिल कर चुकी है। यह बात देश के जाने माने शिक्षाविद प्रो.योगेश कुमार ने कल यहाँ एक इंटरव्यू के दौरान कही।17 वीं लोक सभा के कल आखिरी दिन सत्ता पक्ष की ओर से राम मंदिर के निर्माण को जोर शोर से गरमाया गया।इससे यह माना जा रहा है,कि भाजपा चुनाव में राम मंदिर निर्माण को भुनायेगी।
प्रो. कुमार ने कहा कि इस देश में जितने ही आम चुनाव हुए हैं,उनमें अभी तक एक ही प्रभावी मुद्दा रहा है।वर्ष 1971 का चुनाव गरीबी हटाओ के नाम पर लड़ा गया था।इसी तरह 1977 में इंदिरा हटाओ,1980 में काम के लिए वोट,1984 में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता,1989 बोफोर्स, 2014 का चुनाव भ्रष्टाचार मिटाओ मोदी लाओ के नाम पर लड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह चुनावी मुद्दा मतदान शुरू होने के 10 -15 रोज पहले तय किये जाते हैं और वही मुद्दा देश की दिशा एवं दशा तय करती है।इसलिये अभी से यह बताना मुश्किल है,कि चुनाव का प्रमुख मुद्दा क्या होगा?
हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि जो दल युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने,किसानों की समस्याओं को हल करने,व्यापार को बढ़ाने,उन्नत चिकित्सा सुविधा देने एवं युवाओं को रोजगार देने की गारंटी देगा उसकी स्थिति बेहतर होगी,क्योंकि ये आज के ज्वलंत मसले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मोदी जी की संपूर्ण सिस्टम पर गहरी पकड़ है।आज तक इतनी पकड़ किसी अन्य प्रधानमंत्री की नहीं थी।इसलिए वह सफल हैं।उनकी टीम इतनी अच्छी है, कि रेस में वह इस बार भी आगे दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर श्री कुमार ने कहा कि यह समय उनके पद यात्रा की नहीं बल्कि दिल्ली में अपने चुनावी रणनीति को अमली जामा देने की है।एल.एस।