विशेष रिपोर्ट

जल संरक्षण को लेकर 37 कमार परिवारों ने पीपरहीभर्री गांव की बदली तस्वीर

जल संरक्षण को लेकर 37 कमार परिवारों ने पीपरहीभर्री गांव की बदली तस्वीर

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

धनंजय राठौर

डाईक डबरी और तालाब बनाकर रोका जा रहा वर्षा जल

रायपुर : केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2019 में जल शक्ति मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में जल-संरक्षण को लेकर जन-जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। राज्यों में भी शासन-प्रशासन के स्तर पर लोगों को जल-संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर धमतरी जिला कलेक्टर सुश्री नम्रता गाँधी के नेतृत्व में जल-जगार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से प्रेरित होकर जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत पीपरहीभर्री के 37 कमार जनजाति परिवारों ने जल-संरक्षण को लेकर उल्लेखनीय काम किया है। यहाँ कमार जनजाति समुदाय के 37 परिवार डबरी, तालाब और नाला में डाईक बनाकर वर्षा जल को रोकने के साथ ही भू-जल संवर्धन का काम कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 में कराए गए सर्वेक्षण में भूमिगत जल के क्षरण में देश के 150 जिलों में स्थिति गंभीर थी। इनमें छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला भी शामिल था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसे गंभीरता से लिया और शासन-प्रशासन स्तर पर तेजी से प्रयास शुरू हुए। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में धमतरी में जिला प्रशासन द्वारा जल-जगार अभियान की शुरुआत हुई। ’नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम की गई कवायद में जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कौहाबाहरा के बसाहट गांव पीपरहीभर्री में छत्तीसगढ़ राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति में शामिल कमार जनजाति के 37 परिवार के सदस्यों ने कदम-से-कदम मिलाया और जल-संरक्षण को लेकर सहभागिता में हाथ बढ़ाया। अब ये 37 कमार परिवार वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मिले जमीन पर जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य में जुट गए हैं। यहाँ बारिश के पानी को रोकने के लिए डबरियों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा गाँव के समीप से गुजरने वाले नाला में डाईक संरचना बनाई जा गई है, जिससे जलधारण क्षमता बढ़े और जमीन पर नमी बनी रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि आसपास के बोर, नलों में वाटर रिचार्ज हुआ है।

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यह है डाईक :-

नाला में गड्ढानुमा संरचना बनाई जाती है, जो पानी को रोकने का काम करता है, इसे ही डाईक कहते हैं। नाला में डाईक बनने से पानी तो भरा रहता है साथ ही आसपास की जमीन में नमी बनी रहती है।

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पीएम-जनमन योजना का मिल रहा लाभ :- 

केन्द्र सरकार में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पीएम-जनमन योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य जनजातिय इलाकों में मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। यहाँ धमतरी के पीपरहीभर्री में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय कमार जनजाति के 37 परिवारों को भी पीएम-जनमन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्हें वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। वहीं यहाँ विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आँगनबाड़ी भवन निर्माण, जल संरक्षण के लिए डाईक निर्माण, सोख्ता निर्माण, निजी तालाब निर्माण और डबरी निर्माण, भूमि सुधार कार्य, नाडेप टांका निर्माण, पशुपालन एवं आजीविका के लिए मुर्गीशेड निर्माण, सामुदायिक पौधरोपण कार्य, सामुदायिक फेंसिंग, बोरवेल खनन, सिंचाई व्यवस्था के लिए ड्रीप स्थापना, इंटर क्रॉपिंग जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं।

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