
प्रभात मोहंती
महासमुंद : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इस बार होली मिलन समारोह स्थानीय सेवाकेंद्र उपकार भवन नयापारा वार्ड में मनाया गया, पूरा ईश्वरीय परिवार बच्चे युवा बुजुर्ग माताएं बहनें सभी बड़े हर्ष उल्लास के सेवाकेंद्र पहुंचे ब्रम्हा कुमारी बहनों ने सभी को आत्म स्मृति का तिलक लगाया सभी के ऊपर फूलों की वर्षा कर एक आध्यात्मिक होली खेली और गीत संगीत के माध्यम से सभा को अलौकिक बना दिया तत्पश्चात होली का प्रसाद वितरण किया और सभी को इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी। ब्रम्हा कुमारी सुषमा बहन ने होली पर्व के आध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए कहा होली खुशियों का पर्व है और खुशी तब आएगी जब हम सभी अपनी बुराईयां जिनका पांच विकार काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार ईर्ष्या द्वेश नफरत से नाता है।
उनको परमात्म याद की अग्नि में जलाकर भस्म ना कर दे,जब हम किसी दुःख का अनुभव करने वाली बुराई का त्याग करते हैं तो आत्मा को खुशी और शान्ति की प्राप्ति होती है, परमात्मा जो हमारे पिता है वे हमसे यही चाहते हैं। होली हमें सिखाती है जीवन रंगों की तरह विविधतापूर्ण होना चाहिए हमें एक दूसरे को प्रेम सद्भाव का रंग लगाना चाहिए यह पर्व रिश्तों में जमी खटास मिटाने का पर्व है। सुषमा बहन ने होली शब्द के तीन आध्यात्मिक अर्थ बताए. होली अर्थात बीती सो बिती जो हो गया उसकी चिन्ता ना करो आगे का कर्म श्रेष्ठ बनाओं। होली अर्थात, मेरा जीवन मेरा श्वास ईश्वर अर्पण हो गया, होली अर्थात पवित्र अर्थात जीवन का सम्पूर्ण परिवर्तन, दीदी ने कहा हमारे भारत में सभी पर्वों में आध्यात्मिकता छिपीं है, जो हमें स्वयं का परिवर्तन करने का रास्ता दिखाती है। हमें इस बार की होली पर अपने कमजोर संस्कार का अन्तिम संस्कार करना होगा तभी सच्ची होली पर्व कहलायेगी।