सूरजपुर

महासमुंद, संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवं कर्तव्यों की दी गई जानकारी

महासमुंद, संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवं कर्तव्यों की दी गई जानकारी

प्रभात महंती

’’26 नवंबर संविधान दिवस’’

’’संविधान के उद्देषिका का किया गया वाचन’’  

दिवस के अवसर पर हुए विविध जागरूकता षिविर का आयोजन

महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देषानुसार एवं प्लान आफ एक्षन के तहत विषेष दिवस पर किए जाने वाले षिविर एवं कार्यक्रम  के तहत आज ’’संविधान दिवस’’ 26 नवंबर 2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के तत्वधान में विधिक जागरूकता पर अधारित षिविरों का आयोजन किया गया। इसी परिपेक्ष्य में आज संविधान दिवस के अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट- चित्रलेखा सोनवानी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव- दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा शासकीय महाप्रभु वल्लाभार्चा स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुचकर उपस्थित छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान तथा मानव अधिकार के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई तथा भारत के संविधान के उददेषिका का सामुहिक वाचन भी किया गया। इसके अलावा तालुका स्थित न्यायालयों के न्यायाधीषगणों द्वारा स्कूल एवं कॉलेजों अथवा ग्राम पंचायतों में जाकर कानून के विभिन्न विषयों से संबंधित जानकारी प्रदान किया। 

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संविधान दिवस पर आयोजित शासकीय महाप्रभु वल्लाभार्चा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट- चित्रलेखा सोनवानी द्वारा भारत के संविधान तथा उनके महत्व और मानव अधिकारों के विषयों पर सामूहिक चर्चा कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली विधिक सहायता अथवा सलाह के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। जानकारी देते हुए बताया गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए में सभी के लिए न्याय सुनिष्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमजोर वर्गो के लिए निःषुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22 (1) के तहत राज्य का यह उत्तदायित्व है कि वह सबके लिए समान अवसर सुनिष्चित करे, समानता के आधार पर समाज के कमजोर वर्गो को सक्षम विधिक सेवाए प्रदान करने के लिए एक तंत्र की स्थापना करने के लिए वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियत पास किया गया।

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इसी के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन किया गया है, जो कानूनी सहायता कार्यक्रम लागू करने और उसका मूल्यांकन एवं उनके सतत निगरानी का कार्य कर लोगों को कानूनी सहायता एवं सलाह उपलब्ध कराती है। इसी प्रकार प्रत्येक राज्य में एक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जिसके अंतर्गत उस राज्य के पूरे सभी जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  तथा तहसील क्षेत्रों में तालुका विधिक सेवा समिति का गठन किया गया है। इसका कार्य नालसा की नीतियों और निर्देषो को कार्य रूप देना और लोंगो को निःषुल्क कानूनी सेवाए प्रदान कराना होता है।   

इसके अलावा सचिव- दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला पिटियाझर, जिला जेल महासमुंद में, लीगल एड डिफेस काउसिंग सिस्टम के चीफ अधिवक्ता- अरूण पटेल द्वारा शासकीय बृजराज स्कूल, सिविल न्यायाधीष- तान्या ब्रम्हे एवं प्रषिषु सिविल न्यायाधीष- खुशबू जैन द्वारा गायत्री विद्या मंदिर स्कूल पहुचकर छात्र-छात्राओं को भारत के संविधान तथा उनके महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके अलावा जिला न्यायालय परिसर महासमुंद में भी न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा संविधान के उद्देषिका का सामुहिक वाचन किया गया।

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