महासमुन्द

राष्ट्रिय पशुधन मिशन योजना से लाभान्वित होंगे जिले के पशुपालक व् नव उद्यमी – डॉ. सुरेश शुक्ला

राष्ट्रिय पशुधन मिशन योजना से लाभान्वित होंगे जिले के पशुपालक व् नव उद्यमी – डॉ. सुरेश शुक्ला

प्रभात महंती 

महासमुन्द : राष्ट्रिय पशुधन मिशन अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग में आयोजित प्रशिक्षण सह गोष्ठी कार्यक्रम में महासमुन्द जिले में पशुपालन को बढ़ावा देकर योजनान्तर्गत लाभान्वित किये जाने हेतु महासमुन्द जिले से डॉ. सुरेश शुक्ला शामिल हुए तथा उनके द्वारा प्रशिक्षण पूर्व योजनाओ की जानकारी व् अपेक्षाओ को महाविद्यालय के समक्ष रखा गया I

उपरोक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के कुलपति डॉ. आर आर बी सिँह, विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त संचालक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी छ. ग. राज्य पशुधन विकास अभिकरण रायपुर डॉ. लक्ष्मी अजगले, कुल सचिव डॉ. आर के सोनवाने, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. संजय शाक्य, आयोजक डॉ. रामचंद्र रामटेके तथा छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिले के उन्नत पशुपालक विशेष रूप से उपस्थित थे I

राष्ट्रिय पशुधन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार ने द्वारा राष्ट्रीय पशुधन के विकास और संरक्षण के लिए एक नई श्रृंखला की योजनाओं की घोषणा किया गया, यह पहल कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सुधार लाने और पशुपालकों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से किया गया पहल है। पशुधन को बढ़ावा दिए जाने हेतु सरकार द्वारा घोषणा किया गया है कि इस नई योजना के तहत, पशुपालकों को वित्तीय सहायता प्रदान किया जायेगा जिससे वे उन्नत तकनीक और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर सकें । 

इस उप-मिशन में उद्यमिता विकास और मुर्गीपालन, भेड़, बकरी और सूअर पालन में नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान देने का प्रस्ताव है, जिसके तहत उद्यमिता विकास के लिए व्यक्तियों, एफपीओ, एफसीओ, जेएलजी, एसएचजी, धारा 8 कंपनियों और नस्ल सुधार के बुनियादी ढांचे के लिए राज्य सरकार को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस उप-मिशन का उद्देश्य चारा उत्पादन के लिए आवश्यक प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता में सुधार लाने के लिए चारा बीज श्रृंखला को मजबूत करना और प्रोत्साहन के माध्यम से चारा ब्लॉक/घास बांधने/सिलेज बनाने वाली इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।

उप-मिशन का उद्देश्य भेड़, बकरी, सुअर और चारा क्षेत्र से संबंधित अनुसंधान और विकास, विस्तार गतिविधियों, पशुधन बीमा और नवाचार से संबंधित संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों को प्रोत्साहित करना है। इस उप-मिशन के तहत, क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक अनुप्रयुक्त अनुसंधान, पशुपालन और योजनाओं के लिए प्रचार गतिविधियों, सेमिनारों, सम्मेलनों, प्रदर्शन गतिविधियों और जागरूकता पैदा करने के लिए अन्य IEC गतिविधियों सहित विस्तार सेवाओं के लिए केंद्रीय एजेंसियों, ICAR संस्थानों और विश्वविद्यालय फार्मों को सहायता प्रदान की जाएगी। पशुधन बीमा और नवाचारों के लिए भी सहायता प्रदान किया जायेगा ।

खाद्यान्न आपूर्ति के लिए कृषि के साथ साथ पशुधन को स्वरोजगार के रूप में बढ़ावा दिए जाने हेतु सरकार द्वारा विशेष अनुदान युक्त ऋण प्रबंधन किया गया है I

स्वास्थ्य देखभाल हेतु पशुधन के स्वास्थ्य के लिए नियमित जांच और टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया जाएगा । इसके साथ ही, पशु चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है । संवर्धन कार्यक्रम के माध्यम से दूध, मांस और ऊन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण और बाजार पहुंच के अवसर उपलब्ध कराया गया है । संवर्धन और संरक्षण हेतु पारंपरिक और नस्लीय पशुधन की सुरक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए गए है, जो जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक होंगे ।

सरकार का यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । इसके तहत सभी राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को भी इस पहल को सफल बनाने के लिए निर्देशित किया गया है । `योजना के नई पहल से सरकार का मानना है कि इस पहल से पशुपालकों को आवश्यक समर्थन मिलेगा और भारतीय पशुधन क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आएगा साथ ही पशुपालकों को सशक्त बनाने और भारतीय कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।

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