बालोद

हर्राठेमा मे रेत का अवैध खनन, cm हॉउस का आदमी बता कर दिन रात कर रहे मशीन से खुदाई

हर्राठेमा मे रेत का अवैध खनन, cm हॉउस का आदमी बता कर दिन रात कर रहे मशीन से खुदाई

मो. फुरकान खान बालोद

हर्राठेमा मे रेत का अवैध खनन cm हॉउस का आदमी बता कर दिन रात कर रहे मशीन से खुदाई नियम कानून को रखते है जूते की नोक पर नेता जी

बालोद-हर्राठेमा के सूखा नदी में रेत खुदाई के सारे नियम कायदे ताक पर है। ठेकेदार सीएम हाउस का करीबी बताकर सारे नियम को ताक में रखकर दिन और रात में दो दो चैन माउंटेन से नदी के भीतर उत्खनन किया जा रहा हैं।नियम के मुताबिक शाम ६ बजे के बाद रेत की खुदाई नहीं कराना है लेकिन यहां रात-रात भर रेत की खुदाई हो रही है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। सूत्रों की माने तो यहां हर रात सैकड़ो हाइवा नदी से रेत निकाली जाती है। जो नियम में नहीं है। नियम में यह भी है कि रात को किसी भी सूरत में रेत उत्खनन नहीं किया जाना है, लेकिन यहां ठेकेदार को केवल पैसों से मतलब है। उसे नियम कानून से नहीं। नियम के मुताबिक रेत की खुदाई श्रमिकों से कराई जानी है लेकिन ठेकेदार के द्वारा दो दो चेन माउंटेन मशीन से कराई जा रही है। जिसकी शिकायत खनिज विभाग में की गई है लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते। इतना ही नही इस रेत खनन के लिए ठेकेदार के लोगों द्वारा तय रॉयल्टी दर से करीब 4 गुना ज्यादा दर से वसूली की जा रही है।

सीएम हाउस का करीबी बताता हैं ठेकेदार

वहीं, इस गंभीर मामले में खनिज विभाग मूकदर्शक बना हुआ है, जिसकी वजह से जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है.इस खनन से जुड़े मामले में बताया जा रहा है कि रेत खदान का संचालन किसी दूसरे जिले के एक सत्तापक्ष के नेता द्वारा किया जा रहा है. जो खुद सीएम हाउस का करीबी बताता हैं.नेता का प्रभाव इतना हैं कि अधिकारियों के पास खदान को लेकर स्थानीय जनप्रीतिनिधि से लेकर पत्रकारों तक की शिकायत के बावजूद अधिकारी इस ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे है.

 चैन माउंटेन से रेतखनन के लिए नही दी गई परमिशन

दरअसल, इस मामले में खनिज अधिकारी द्वारा बताया भी जा रहा है कि हर्राठेमा में रेत निकासी की परमिशन है, लेकिन चैन माउंटेन मशीन से खनन का परमिशन नहीं दिया गया है. वहीं, इस मामले पर शिकायत मिलने पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की भी बात कही जा रही है, लेकिन कार्यवाही कब होगी इस विषय में अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है.

खुलेआम नदी के भीतर पानी भराव होने के बावजूद चैन माउंटेन लगाकर रेत का कर रहे खनन 

हर्राठेमा रेत खदान में रेत निकासी का निविदा विभाग ने पहले ही अन्य जिले के एक ठेकेदार को दिया गया है, जिसकी समयावधि को 15 अक्टूबर 2020 से 14 अक्टूबर 2023 तक है, जिसमें विभाग द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पर्यावरण विभाग के नियमों का पालन करते हुए नदी से रेत की निकासी की अनुमति दी गई है, लेकिन ठेकेदार सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम नदी के भीतर पानी भराव होने के बावजूद चैन माउंटेन लगाकर रेत का खनन कर रहे है. ऐसे में सारे नियमो की धज्जियां उड़ाने के बाद भी अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे बैठे है.

तय दर से कई गुना ज्यादा की वसूली जाती रॉयल्टी

बालोद में रेत निकासी होने से स्थानीय लोगों को लगा कि अब उनके घर बनाने के लिए कम दामों पर रेत उपलब्ध हो जाएगी. लेकिन ठेकेदार को शासन द्वारा तय किए गए 56 रुपए प्रति घन मीटर के दर रायल्टी वसूली की जानी चाहिए, लेकिन रेत ठेकेदार एक हाइवा भरने के एवज में 4 हजार लेकर 5 हजार तक लोडिंग चार्ज लिया जाता है. जबकि एक हाइवा में अधिकतम 10 घनमीटर रेत का भराव किया जाता है।उस लिहाज से ठेकेदार को 560 रुपए तक ही वसूली का अधिकार है,. ऐसे तमाम लापरवाही व मनमानी की शिकायत जिले के खनिज अधिकारी तक पहुंच चुकी है. लेकिन इन शिकायतों को लगातार खनिज अधिकारी नजरअंदाज कर रहें है.कही न कही ठेकेदारों के साथ विभाग के संलिप्तता को भी दर्शाता है।

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