रायगढ़

रायगढ़ जिले के किसानों को 15 हजार 486 मैट्रिक टन खाद का किया गया वितरण

रायगढ़ जिले के किसानों को 15 हजार 486 मैट्रिक टन खाद का किया गया वितरण

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

18 हजार 452 क्विंटल बीज किसानों को वितरित फसल की उत्पादकता को बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है 

सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेचने पर होगी कार्रवाई

रायगढ़ : रायगढ़ जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ वर्ष 2025 में खाद का अग्रिम भण्डारण करते हुए खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में 20,773 टन खाद का भण्डारण समितियों द्वारा किया जा चुका है तथा 15,486 मैट्रिक टन खाद वितरण जिले के किसानों को किया जा चुका है। साथ ही बीज निगम के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल लक्ष्य 28,920 क्विंटल के विरूद्ध 26,379 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया जा चुका है तथा 18,452 क्विंटल बीज का वितरण कृषकों को किया जा चुका है।

फसल की उत्पादकता को बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके

उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने बताया कि कृषकों के द्वारा डीएपी की मांग सबसे अधिक रही है, लेकिन इस वर्ष में डीएपी के सीमित आवक के कारण डीएपी के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, लिक्विड एनपीके का पर्याप्त भण्डारण जिले में किया जा रहा है। सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके खाद के बारे में जानकारी देेते हुए बताया कि एनपीके 20:20:0:13 अमोनियम फास्फेट सल्फेट उर्वरक में नाइट्रोजन 20 प्रतिशत, फास्फोरस 20 प्रतिशत एवं सल्फर 13 प्रतिशत उपलब्ध होता है। उर्वरक में सल्फर की उपलब्धता होने के कारण फसलों में क्लोरीफिल एवं प्रोटीन का निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। सिंगल सुपर फास्फेट में स्फुर की मात्रा 16 प्रतिशत के साथ-साथ सल्फर 11 प्रतिशत एवं कैल्शियम 21 प्रतिशत होने के कारण मृदा अम्लीयता को सुधार कर पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाती है। जिसके उपयोग से फसलों के उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेचने पर होगी कार्रवाई

कृषि विभाग द्वारा लगातार दुकानों एवं व्यापारियों के खाद के स्टॉक की जांच करने तथा कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर खाद विक्रय के संबंध में निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे खाद की काला बाजारी न हो तथा कृषकों को सही गुणवत्ता के खाद एवं बीज मिल सके। निरीक्षण के दौरान खाद का नमूना भी लिया जा रहा है, अमानक पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

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