रायपुर : रायपुर के उरला इलाके में ढाई साल पहले 4 साल के बच्चे को किडनैप कर जिंदा जलाकर मार डाला। हत्यारा पंचराम मासूम की मां से एकतरफा प्यार करता था, लेकिन वह ध्यान नहीं देती थी। महिला को सबक सिखाने के लिए वारदात को अंजाम दिया। अब रायपुर रायपुर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश ने हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है।
इस दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोग समाज में रहने योग्य नहीं हैं, इसलिए सजा-ए-मौत दी जाती है। पंचराम ने हर्ष के साथ उसके बड़े भाई को भी जलाकर मारने की साजिश रची थी। वह दोनों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जा रहा था, लेकिन बड़े भाई ने जाने से मना कर दिया, जिससे उसकी जान बच गई।
मृत्युदंड की सजा के बाद जब दोषी पंचराम गेंड्रे से बात की गई तो वह लगातार झूठ कहता रहा। उसने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। पुलिस ने पकड़कर अंदर कर दिया है। मेरे साथ हर्ष नाश्ता करने गया था, इतना ही है। मारते हुए किसी ने नहीं देखा, कोई सबूत नहीं है। बच्चे को किसने मारा मैं नहीं कह सकता। बच्चे की बॉडी भूमौरी से बरामद की गई। जब दोषी से कहा गया कि तुम झूठ क्यों बोल रहे हो तो वह कहने लगा कि मैं उस समय नागपुर में था।