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ट्रंप का यूक्रेन को बड़ा झटका, विदेशी सहायता पर रोक, सिर्फ इजरायल और मिस्र को दी छूट

ट्रंप का यूक्रेन को बड़ा झटका, विदेशी सहायता पर रोक, सिर्फ इजरायल और मिस्र को दी छूट

Donald Trump: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर यूक्रेन को अमेरिका ने एक बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के मुताबिक अमेरिका ने सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है, जिसमें यूक्रेन भी शामिल है। अमेरिका ने इस रोक से सिर्फ इजरायल  और मिस्र को छूट दी है। यानी इजरायल और मिस्र को अमेरिका की मदद जारी रहेगी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आदेश जारी कर लगभग सभी अमेरिकी विदेशी सहायता को निलंबित कर दिया है। ये जानकारी कर्मचारियों को दिए गए विदेश विभाग के एक आंतरिक ज्ञापन से मिली है

अमेरिकी की विदेश नीति में बदलाव

अमेरिका का ये फैसला अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव को दिखा रहा है। जो अमेरिका के उन देशों से संबंधों की प्राथमिकताओं को भी दिखा रहा है। इस फैसले से अमेरिका पर विकास से लेकर सैन्य सहायता के लिए निर्भर देशों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी विकास सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगाई गई है, ताकि इसकी प्रभावशीलता और अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों की समीक्षा की जा सके।

रूस से कैसे लड़ेगा यूक्रेन?

अमेरिका के इस फैसले में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोकना भी शामिल है, जिसे ट्रम्प के पूर्ववर्ती जो बाइडेन के तहत रूस से युद्ध के लिए अरबों डॉलर के अमेरिकी हथियार मिले थे जो यूक्रेन को दी जाने वाली सबसे बड़ी सहायता थी। लेकिन अमेरिका के अब हाथ खींचने के बाद यूक्रेन रूस से कैसे निपटेगा, इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन में इस रोक का असर पहले से ही महसूस किया जा रहा है, जहां सहायता अधिकारियों को इमरजेंसी हालात से लेकर बच्चों के टीकाकरण तक की परियोजनाओं पर काम रोकने का निर्देश दिया गया है। USAID (अमेरिकी विदेश सहायता) के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि कार्यक्रमों को संशोधित करने या खत्म करने के बारे में फैसला 85 दिनों की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। 

इजराइल और मिस्र को क्यों दी गई छूट 

अमेरिका ने अपने इस फैसले में इजरायल और मिस्र को छूट दी है। इसमें इज़राइल और मिस्र के लिए आपातकालीन खाद्य सहायता और सैन्य सहायता शामिल है। इजरायल और मिस्र दोनों ही लंबे समय से अमेरिकी सहायता ले रहे हैं। इसके तहत इज़राइल को सालाना लगभग 3.3 बिलियन डॉलर और मिस्र को लगभग 1.3 बिलियन डॉलर की मदद मिलती है।

 गाज़ा में बिगड़ सकते हैं हालात

वहीं इस रोक की वजह से गाज़ा में हालात बिगड़ सकते हैं क्योंकि गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की बेहद जरूरत है, जो फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र पूरी कर रहा है हालांकि ये नाकाफी साबित हो रही हैं, अब अमेरिकी की सहायता के बिना ये गाज़ा के हालात और खराब होने की संभावना जताई जा रही है। बीती 19 जनवरी से इजरायल और हमास आतंकवादियों के बीच युद्ध विराम लागू है। वहीं सहायता रोके जाने से सूडान में भुखमरी से निपटने के प्रयास भी प्रभावित हो सकते हैं। 

किन-किन देशों को दी जा रही थी सहायता 

अफ्रीका- नाइजीरिया, केन्या, इथियोपिया, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, सोमालिया, माली
एशिया- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत (स्वास्थ्य और विकास संबंधी परियोजनाओं के लिए सीमित सहायता), नेपाल, बांग्लादेश, फिलीपींस, म्यांमार
मध्य पूर्व- इजराइल (सबसे अधिक सैन्य सहायता प्राप्त करता है), मिस्र, जॉर्डन, इराक, लेबनान, यमन
यूरोप और यूरेशिया- यूक्रेन, जॉर्जिया, मोल्डोवा, कोसोवो
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन: कोलंबिया, हैती, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर, होंडुरास
प्रशांत क्षेत्र- पापुआ न्यू गिनी, माइक्रोनेशिया, पलाऊ(एजेंसी)

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