ढाका: बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को अब एक महीने तक जेल में रहना होगा। मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन अदालत में कोई वकील ही उनके पक्ष में पेश नहीं हुआ। इसके बाद सुनवाई अगले महीने तक के लिए टाल दी गई है। इसके पहले इस्कॉन कोलकाता ने दावा किया था कि चिन्मय कृष्ण दास के मामले की पैरवी करने वाले बांग्लादेशी वकील पर रमन रॉय पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जानलेवा हमला किया था। वह गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती हैं।
आज मंगलवार 3 दिसम्बर को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर चटगांव की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों ने उनके लिए पेश होने से इनकार कर दिया। इसके बाद अदालत ने कार्यवाही स्थगित कर दी। जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी 2025 को अगली तारीख तय की गई है।
आईसीयू में चिन्मय दास के वकील
इसके पहले सोमवार को इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस (ISKCON) कोलकाता के प्रवक्ता राधारामण दास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था कि 'कृपया वकील रमन रॉय के लिए प्रार्थना कीजिए। उनकी केवल इतनी गलती थी कि वे चिन्मय कृष्ण प्रभु का कोर्ट में बचाव कर रहे थे। इस्लामिस्टों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और क्रूरतापूर्वक हमला किया, जिसके बाद वे आईसीयू में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
हिंदुओं पर हिंसा के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं चिन्मय दास
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली प्रमुख आवाज रहे हैं। इसके पहले पिछले सप्ताह सोमवार 25 दिसम्बर को चिन्मय दास को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया था। वे एक रैली में भाग लेने के लिए चटगांव जा रहे थे। उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया है।( एजेंसी)