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इजराइल के कहर से जूझ रहे लेबनान के राजदूत ने भारत से शांति के लिए मदद की अपील की

इजराइल के कहर से जूझ रहे लेबनान के राजदूत ने भारत से शांति के लिए मदद की अपील की

इजरायल का कहर झेल रहे लेबनान ने भारत से लगाई गुहार

लेबनान के राजदूत ने भारत से की नेतन्याहू को रोकने की अपील

इजरायली हमले में लेबनान में 2100 से ज्यादा की हो चुकी मौत

बेरूत: इजरायल पर हमास पर हमले के एक साल बाद गाजा से लेकर लेबनान तक गाजा में जंग छिड़ी हुई है। इसमें पिछले दिनों ईरान भी शामिल हुआ, जब उसने इजरायल के ऊपर मिसाइलों की बौछार कर दी। यमन और इराक में ईरान समर्थित चरमपंथी भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही इजरायल ने लेबनान के अंदर जमीनी अभियान शुरू किया है, जिसके बाद वहां भीषण जंग चल रही है। भारत में लेबनानी राजदूत रबी नरश ने इजरायली हमले को विनाशकारी बताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपील भी की है।

शांति में भारत से भूमिका की उम्मीद

रबी नरश ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि इजरायल के हमले में अब तक 2100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 11,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। इसके अलावा लगभग 12 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने संघर्ष को कम करने के लिए भारत से उम्मीद जताई और कहा कि यह महत्वपूर्ण निभाने के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने भारत को एक शांतिप्रिय राष्ट्र बताया जिसकी मजबूत वैश्विक उपस्थिति है। उन्होंने आगे कहा, 'यह लेबनान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे संबंध रखता है, जो इसे एक विश्वसनीय मध्यस्थ बनाता है। भारत अपने प्रभाव का उपयोग नेतन्याहू को उनकी आक्रामक गैरकानूनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रोत्साहित करने और इस विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए कर सकता है, जिससे शांति और स्थिरता का रास्ता बन सके।'


हिजबुल्लाह को बताया राजनीतिक पार्टी

हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन कहे जाने को लेकर लेबनानी राजदूत ने इजरायल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, इजरायल खुद स्टेट टेररिज्म में शामिल है। इसकी सेना दुनिया में सबसे बड़े आतंकवादी संगठन के रूप में काम करती है। इसलिए इसे किसी भी समूह को आतंकवादी के रूप में लेबर करने का कोई नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने हिजबुल्लाह को सरकार, संसद और प्रशासन में प्रतिनिधित्व वाली वैध लेबनानी राजनीतिक पार्टी बताया और कहा कि हिजबुल्लाह लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था के स्थापित नियमों के अनुसार काम करता है। रबी नरश ने कहा, 7 अक्टूबर को जो कुछ हुआ, उसकी शुरुआत उस खास दिन से नहीं हुई। बल्कि इसकी जड़ें 75 साल पहले अरब जमीन पर इजरायली कब्जे से जुड़ी हुई हैं। यह कब्जा पश्चिम एशिया में अस्थिरता और हिंसा का मूल कारण बना हुआ है। उन्होंने कहा, फिलिस्तीनी लड़ाकों (हमास) ने अवैध रूप से उनके घरों और जमीनों पर कब्जा करने वाले सशस्त्र बाशिंदों को निशाना बनाया।(एजेंसी)

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