अमेरिका : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हजारों दूसरे लोगों के टैक्स रिकॉर्ड चुराने व लीक करने वाले व्यक्ति को 5 साल जेल हुई है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दोषी व्यक्ति का नाम चार्ल्स लिटिलजॉन है जो 38 साल का है। उसे आयकर रिटर्न को लेकर गैन-कानूनी जानकारियां शेयर करने का दोषी पाया गया है। वह इंटरनल रेवेन्यू सर्विस के साथ कन्सल्टिंग फर्म के लिए काम करता था। इस दौरान उसने ट्रंप के टैक्स रिटर्न के साथ-साथ देश के हजारों अमीर लोगों के टैक्स डेटा चुरा लिए। लिटिलजॉन ने इन जानकारियों को 2 न्यूज आउटलेट्स को लीक कर दीं।
चार्ल्स लिटिलजॉन ने पहले अपने आईआरएस-असाइन लैपटॉप को वापस करने से पहले दस्तावेजों को डिलीट कर दिया, इसके बाद उसने बाकी के डिजिटल ट्रैक को रिकवर भी कर लिया, जहां उसने शुरुआत में ये जानकारियां इकट्ठी की थीं। जस्टिस एना रेयेस ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अपराध की गंभीरता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका और उसकी कानूनी नींव के खिलाफ हमले के समान है। रेयेस ने कहा, 'अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति पर हमला करके आपने जो किया वह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र पर हमला था। इस शख्स ने आईआरएस इतिहास की सबसे बड़ी डकैती को अंजाम दिया है।'
ट्रंप दूसरों पर नहीं जमा सकते धौंस: निक्की हेली
दूसरी ओर, अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी जारी है। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के लिए प्रयासरत भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने ट्रंप पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप नामांकन के जरिये धौंस नहीं जमा सकते हैं। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और उद्यमी से नेता बने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति पद की दौड़ से हट गए थे। इसके बाद रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप के खिलाफ हेली एकमात्र प्रत्याशी बच गई हैं। डेसेंटिस और रामास्वामी ने ट्रंप का समर्थन किया है।