
एजेंसी
नई दिल्ली : देश के केन्द्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को अपने एक फैसले के तहत प्राथमिक बैंक खातों (बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट – BSBD) खातों के लिए अपने नियमों में काफी बदलाव किए हैं। इन बदलावों के तहत अब बेसिक सेविंग्स अकाउंट्स खाताधारकों को भी चेकबुक समेत कई अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। चेकबुक पाने के लिए अब खाताधारक को न्यूनतम 4 बार विदड्रॉल की बाध्यता को भी पूरा नहीं करना पड़ेगा। अहम बात ये है कि इन सुविधाओं को पाने के लिए खाताधारक को बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस भी नहीं रखना होगा। सोमवार को रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों को इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि इससे पहले BSBD, जिन्हें No-Frills अकाउंट भी कहा जाता है, बैंक खातों को सामान्य बचत खातों वाली सुविधाएं दी गई थीं। हालांकि तब न्यूनतम बैलेंस बैंक खाते में रखने की शर्त रखी गई थी और अन्य शुल्क भी देने होते थे। जिसे अब रिजर्व बैंक ने हटा दिया है। रिजर्व बैंक ने यह कदम बेहतर ग्राहक सेवा देने के उद्देश्य से उठाया है। रिजर्व बैंक ने अपने बयान में कहा है कि बैंक अब BSBD खातों के लिए वैल्यू एडेड सेवाओं जैसे चेकबुक जारी करना, मिनिमम बैलेंस में छूट आदि की सुविधाएं अपने ग्राहकों को दे सकते हैं। इन सुविधाओं के बदले में बैंक ग्राहकों पर कोई चार्ज भी नहीं लगा सकेंगे।
रिजर्व बैंक के अनुसार, प्राथमिक खाताधारकों को जो अन्य सुविधाएं दी जाएंगी, उनमें एक माह में एटीएम से 4 विदड्रॉल, बैंक शाखा में कैश डिपोजिट और एटीएम कार्ड की सुविधा देना प्रमुख है। साथ ही एक माह में इन प्राथमिक खातों में कितनी और कितनी बार रकम जमा की जानी है, इसके लिए भी कोई सीमा तय नहीं किया गया है। बता दें कि हाल ही में डिजिटल लेन-देन को बढ़ाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने NEFT-RTGS से होने वाले लेन-देन पर लगने वाले चार्ज को भी खत्म करने का फैसला किया था।