विशेष रिपोर्ट

विशेष लेख : राज्य के विकास की नब्ज पर साय सरकार की मजबूत पकड़

विशेष लेख : राज्य के विकास की नब्ज पर साय सरकार की मजबूत पकड़

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार

आलेख- पवन गुप्ता, संयुक्त संचालक जनसंपर्क

रायपुर :  छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां तय करते समय इन दोनांे की अनदेखी नहीं की जा सकती, दोनों को ही बराबर महत्व देना पड़ता है। हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सहित देश में माओवादी आतंक के खात्मे के प्रति केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। केन्द्र के इस फैसले ने राज्य को समृद्धि के रास्ते में आगे जाने के संकल्प को और मजबूती दी है। 

छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनते ही यहां मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर काम करना शुरू कर दिया है। लगभग तीन करोड़ की आबादी वाला यह राज्य आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है। साय सरकार ने छत्तीसगढ़ की बागडोर संभालते ही राज्य के विकास की दिशा को तय करने वाले दो प्रमुख कारकों आदिवासी समुदाय और किसान दोनों पर शुरू से ही ध्यान दिया है। राज्य में लोगों को स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन के वायदे को लेकर आयी साय सरकार आई.टी. और ए.आई आधारित प्रणाली को पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनाना शुरू कर दिया है।  

राज्य में कृषक उन्नति योजना खेती-किसानी के लिए एक नया संबल बनी है। इसके चलते कृषि समृद्ध और किसान खुशहाल हुए हैं। राज्य में खेती-किसानी को नई ऊर्जा मिली है। राज्य में उन्नत खेती को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य सरकार के किसान हितैषी फसलों का असर अब खेती-किसानी में साफ दिखाई देने लगा है। उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग खेती-किसानी में बढ़ा है। बीते खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से 145 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है, जिसके एवज में 32 हजार करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प के अनुरूप राज्य के किसानों को दो साल के धान की बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत किसानों को धान की मूल्य की अंतर राशि के रूप में 13 हजार 320 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। इस तरह किसानों को कुल मिलाकर 49 हजार करोड़ रूपए सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित किए गए। 

छत्तीसगढ़ में किसानों से धान खरीदी शुरू से ही चुनौतीपूर्ण रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार ने समर्थन मूल्य पर 14 नवम्बर से धान खरीदी करने जा रही है। धान उपार्जन केन्द्रों में छत्तीसगढ़ सरकार के दिशा-निर्देश के मुताबिक सभी तैयारियां की जा रही है। इस साल राज्य में बेहतर बारिश एवं अनुकूल मौसम के चलते धान के विपुल उत्पादन की उम्मीद है। इसको देखते हुए राज्य में समर्थन मूल्य पर 160 लाख मीटरिक टन धान उपार्जन अनुमानित है। राज्य में किसानों से 31 जनवरी 2025 तक धान की खरीदी की जाएगी। 

राज्य के किसानों को खेती-किसानी के लिए वर्तमान खरीफ सीजन में 6500 करोड़ रूपए के अल्पकालीन ऋण बिना ब्याज के दिए जा चुके हैं। अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यहां के किसान अब ई-नाम पोर्टल (कृषि बाजार) के माध्यम से अपने उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किया है। इसके तहत अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता, राज्य के किसानों से उनकी उपज खरीद सकेंगे, इससे उत्पादक किसानों को लाभ होगा। किसानों को उन्हें पंजीयन की जरूरत नहीं होगी। 

राज्य के बस्तर और अन्य हिस्सों में माओवादी आतंक को समाप्त करने के लिए सख्ती से कदम उठाए गए हैं। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार आपसी तालमेल बनाए हुए हैं। माओवादी आतंक भी अब कुछ ही क्षेत्रों में सिमट कर रह गया है। यहां नियद नेल्लानार जैसी नवाचारी योजना से लोगों का सरकार के प्रति फिर से विश्वास लौट रहा है। 

माओवादी आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्प के आस-पास के दायरे में लोगों की मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ केन्द्र और राज्य सरकार के शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा हैं। माओवादी आतंक से प्रभावित जिलों में युवाओं को तकनीकी व्यवासायिक पाठ्यक्रम में पढ़ाई के लिए ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा दी जा रही हैं। इस पहल से आदिवासी समुदाय की युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। 

वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए वनोपज के संग्रहण और प्रसंस्करण पर सरकार विशेष ध्यान दे रही हैं। लघु वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर हो  रही है। इन लघु वनोपजों का वनधन केन्द्रों में प्रसंस्करण भी किया जा रहा है। वनवासियों को तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक भी बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा किया गया है। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए महतारी वंदन योजना में 70 लाख महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रूपए की राशि उनके बैंक खाते में सीधे अंतरित की जा रही है। अब तक इसकी नौ किस्त जारी की जा चुकी है। 

प्रदेश में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। राज्य में मातृभाषा में बच्चों को शिक्षा देने के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। जनजातीय समुदाय के बच्चों के लिए बेेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। माओवादी प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए 15 प्रयास आवासीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इन विद्यालयों में मेधावी विद्यार्थियों को अखिल भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं। नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है।

More Photo

    Record Not Found!


More Video

    Record Not Found!


Related Post

Leave a Comments

Name

Contact No.

Email