
गुजरात : गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के निदेशक संदेसरा बंधुओं ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से ज्यादा की चपत लगाई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से यह बात अपनी एक रिपोर्ट मेंकही है।
14500 करोड़ रुपये का फ्रॉड
ईडी के सूत्रों ने कहा कि संदेसरा बंधुओं ने बैंकों को करीब 14,500 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया, जबकि नीरव मोदी-मेहुल चोकसी ने 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
अक्तूबर 2017 में किया था केस दर्ज
नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा के खिलाफ सीबीआई ने सबसे पहले अक्तूबर 2017 में 5,383 करोड़ रुपये के फ्रॉड का केस दर्ज किया था। इसके आधार पर ईडी ने भी मामला दर्ज किया था।
जब्त की नौ हजार करोड़ की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्टर्लिंग बायोटेक के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में 9000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को जब्त किया है। इनमें से कुछ संपत्तियां विदेश में भी हैं। अधिकारियों के मुताबिक, स्टर्लिंग बायोटेक ने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो बाद में एनपीए में बदल गया।
कथित ऋण चूक की कुल कीमत 8100 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी ने कथित बैंक घोटाले में सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर स्टर्लिंग बायोटेक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। कंपनी के प्रमोर्ट्स संदेसरा बंधु इस घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे, जो फिलहाल फरार हैं।
हितेश पटेल को किया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्टर्लिंग बॉयोटेक घोटाले के मुख्य आरोपी व भगोड़े कारोबारी हितेश पटेल को अल्बेनिया से गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ 11 मार्च को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। पटेल को अल्बेनिया के नेशनल क्राइम ब्यूरो ने 20 मार्च को गिरफ्तार किया था।
यह लोग हैं आरोपी
राजभूषण के अलावा स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, नितिन जयंतीलाल संदेसरा, विलास जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हैती को भी आरोपी बनाया गया। इसके साथ ही आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और कई अज्ञात लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया था।