
एजेंसी
लखनऊ: किसान आंदोलन को होते हुए अब 90 दिन हो चुके हैं. नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सिर्फ दिल्ली की सीमाओं पर ही नहीं, कई और जगहों पर भी लामबंद हो गए हैं. बीजेपी नेताओं (BJP) को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यूपी के मुजफ्फनगर में कृषि कानून के फायदे बताने पहुंचे केंद्र सरकार के मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी कार्यकर्ताओं को विरोध का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं, किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई. कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट दिया गया.
मुजफ्फरनगर के शोरम गांव का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को किसानों के विरोध प्रदर्शन का जमकर सामना करना पड़ा और इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं संग किसानों की मारपीट भी हुई. हालांकि, बलियान को उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा सुरक्षापूर्वक गांव से बाहर निकाल लिया गया. भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक, ‘ज्वाला खाप’ (Jwala Khap) के प्रमुख सचिन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान से मिलने से इनकार कर दिया, जो गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे.
एक वीडियो संदेश में चौधरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “सत्तारूढ़ भाजपा में से कोई भी व्यक्तिगत तौर पर मुझसे मिलने का प्रयास न करें. उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा से मिलना चाहिए और तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर हो रहे आंदोलनों के बारे में उनका निर्णय ही अंतिम होगा.” शामली के भैंसवाल से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता सुधीर पंवार ने कहा, “हमें जिसका शक था, वही हो रहा है.”
उन्होंने कहा, “पश्चिमी यूपी के किसान जाति के आधार पर आंदोलन को विभाजित करने की भाजपा की कोशिशों से परेशान हैं. लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति का अधिकार है, इसलिए किसी पार्टी विशेष के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना लोकतांत्रिक तरीका तो नहीं है, लेकिन लोग नाराज हैं.” भैंसवाल 32 ग्रामीण खापों का मुख्यालय है. 5 फरवरी को कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित ‘महापंचायत’ में जाटों के साथ-साथ दलित और मुसलमानों की भी भागीदारी देखी गई.