
एजेंसी
दिल्ली : भारत नगर इलाके में एक बुजुर्ग भाई-बहन की मौत बीमारी, लाचारी और अनदेखी से हो गई। परिवारवाले दूर थे, पड़ोसी बेखबर और वरिष्ठ नागरिकों की नियमित सुध लेने का दावा करने वाली पुलिस दरवाजा तोड़ने के टाइम पर पहुंची।
करीब 95 वर्ष के चमनलाल अपनी 80 वर्षीय छोटी बहन राजकुमारी देवी के साथ राणा प्रताप बाग इलाके में रहते थे। कुछ समय पहले चमनलाल लकवे के शिकार हो गए थे। उनकी देखभाल राजकुमारी देवी ही करती थीं। चमनलाल जीवन बीमा निगम से अवकाश प्राप्त थे। राजकुमारी देवी अध्यापिका थीं। इनके एक भाई जीवनलाल अपने परिवार के साथ आनंद विहार इलाके में रहते हैं। फोन न उठने पर हुई चिंता
मंगलवार रात जीवन लाल ने बहन राजकुमारी देवी को फोन किया पर कोई जवाब नहीं मिला। बुधवार को उन्होंने दोबारा फोन मिलाया पर किसी ने जवाब नहीं दिया तो उन्हें चिंता हुई। जीवन लाल ने पड़ोसियों को फोन कर सारी बात बताई और उन्हें भाई के घर जाकर देखने को कहा। जब पड़ोसी उनके घर गए तो वहां से तेज बदबू आई। इसके बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। पुलिस जब घर में गई तो एक कमरे में चमनलाल और दूसरे कमरे में राजकुमारी देवी की लाश बिस्तर पर पड़ी थी। दोनों के शव सड़ चुके थे।
पुलिस की योजना भी नाकाम
पुलिस ने बुजुर्गों की देखभाल के लिए अभियान चला रखा है। इसके तहत बीट कांस्टेबल अपने इलाके में रहने वाले बुजुर्गों की सूची रखता है और नियमित समय पर उनका हालचाल लेता है। इस मामले में तीन दिन तक घर में बुजुर्ग भाई-बहन की लाश पड़ी रही लेकिन बीट कांस्टेबल हाल-चाल लेने घर नहीं पहुंचा।
भूख-प्यास से हुई लाचार भाई की मौत
लकवे के कारण वृद्ध चमनलाल पूरी तरह अपनी बहन के ऊपर आश्रित थे। राजकुमारी देवी ही भाई की देखभाल करती थीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बहन को आखिरी बार रविवार सुबह देखा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि रविवार दोपहर हृदयघात या किसी अन्य कारण से राजकुमारी देवी की मौत हो गई। ऐसे में अपनी देखभाल में अक्षम भाई की मौत भूख-प्यास से तड़प कर हो गई।