
एजेंसी
लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में और काफी अपरिपक्व तरीके लिया. उनके इस फैसले से मुट्ठीभर नेताओं और उद्योगपतियों को छोड़कर देश के सवा सौ करोड़ लोगों को तंगी और बेरोजगारी जैसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं केन्द्र सरकार का ये फैसला भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है.
मायावती ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही सरकार है और उनके हित व फायदे के लिये सबकुछ करने को तैयार रहती है, जिसका एक और उदाहरण तब उजागर हुआ जब अभी हाल ही में सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी मुहैया कराई गई है जबकि इन्ही धन्नासेठों को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीति के कारण ही सरकारी बैंक कंगाल बन गये हैं तथा देश की आमजनता की गाढ़ी कमाई का धन बैंकों में डूबता जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 'जनता-केन्द्रित विकास नीति' अपनाने के बजाय अपने देश की बीजेपी और नरेन्द्र मोदी सरकार 'जन-विरोधी विकास नीति' अपनाती जा रही है जिसका ही दुष्परिणाम है कि विकास का थोड़ा भी लाभ देश के करोड़ों गरीबों, किसानों, युवाओं, बेरोजगारों व अन्य जरुरतमन्द जनता को नहीं मिल पा रहा है और ना ही रोजगार के अवसर ही पैदा हो पा रहे हैं, जिससे धीरे-धीरे देश का काफी नुकसान होता चला जा रहा है.