
एजेंसी
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के बैन नोटों को लेकर कुछ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अपनी याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से पुराने नोटों को जमा कराने के लिए एक और मौका दिये जाने की मांग की है। हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को साफ कहा है कि पुराने नोट जमा नहीं किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोटों पर किसी भी तरह के निर्देश से इंकार कर दिया है। वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट रखने वाले याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता सुधा मिश्रा समेत कुछ याचिकाकर्ताओं ओर से याचिका दायर की गई थी जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को पुराने नोटों को लेकर निर्देश की अपील की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को साफ कहा है कि विमुद्रीकृत नोट जमा नहीं किए जाएंगे। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जिन याचिकाकर्ताओं के पास 500 और 1000 के पुराने नोट होंगे उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिका वापस लेकर संविधानपीठ के समक्ष अर्जी दाखिल करें।
बता दें कि 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैन करने का ऐलान किया। बैन नोटों को बैंक में जमा करने के लिए 30 दिसंबर, 2016 तक का समय दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 30 दिसंबर तक पुराने नोट जिन्होंने बैंक में जमा नहीं कराए थे, उन्हें 31 मार्च तक आरबीआई में जमा कराने के लिए कहा था। इसके बाद भी अगर किसी के पास पुराने नोट हैं तो उनके नोट जमा नहीं होंगे।