
Budget Session: संसद का बजट सत्र सोमवार सुबह एक बार फिर हंगामे के साथ शुरू हुआ, विपक्षी सांसदों ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। यह भगदड़ पिछले सप्ताह हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना पर उचित प्रतिक्रिया नहीं दी और मृतकों की सही संख्या को छिपाने की कोशिश की। सांसदों का गुस्सा उस समय और बढ़ गया जब उन्हें लगा कि सरकार घटना की गंभीरता को नजरअंदाज कर रही है। वे सदन के वेल में जाकर “कुंभ पर जवाब दो” के जोरदार नारे लगाने लगे, यह मांग करते हुए कि मृतकों की सूची सार्वजनिक की जाए।
मरने वालों की संख्या छुपाने का आरोप
विपक्षी सांसदों का कहना था कि मरने वालों की संख्या को सरकार जानबूझकर दबा रही है, और उनकी ओर से घटना की पूरी जानकारी देने की मांग उठाई गई। उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने घटनास्थल पर हुई मौतों की पुष्टि में घंटों की देरी की, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ कि सरकार जानबूझकर वास्तविक आंकड़े छिपा रही है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया और विपक्षी सांसदों पर आरोप लगाया कि वे सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सांसदों से अनुरोध किया कि वे कार्यवाही को शांतिपूर्ण तरीके से चलने दें।
भगदड़ में 30 लोगों की मौत
हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान करने के लिए लाखों तीर्थयात्रियों के बीच बुधवार को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, यह घटना तब हुई जब भीड़ ने बैरिकेड्स फांद दिए, जिससे दूसरी तरफ इंतजार कर रहे लोग कुचल गए।अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को सुबह 4 बजे तक 1.65 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई, जो बसंत पंचमी के अवसर पर तीसरे ‘अमृत स्नान’ की शुरुआत का प्रतीक है। पवित्र स्नान अनुष्ठान, जो नागा साधुओं द्वारा घाटों पर डुबकी लगाने के साथ शुरू हुआ, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 का हिस्सा है।(एजेंसी)