डॉ. समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार।
नयी दिल्ली : हरियाणा एवं जम्मू कश्मीर में हो रहे विधान सभा चुनाव को लेकर माहौल धीरे धीरे गरमाने लगा है। केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार चुनावी सभाएं हो रही है। प्रमुख विपक्षी दल कॉंग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा एवं कॉंग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रचार का कमान थाम लिया है।
हरियाणा में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।16 सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।जम्मू कश्मीर में धारा 370 की वापसी के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। यहां तीन चरणों में 18 एवं 25 सितंबर तथा1अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे दोनों ही राज्यों में 90-90 सीटें है।
सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रो रहे योगेश कुमार कहते हैं,कि जम्मू-कश्मीर में वैसे तो 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं, किन्तु धारा 370 की वापसी के बाद यह पहला चुनाव है। परिणाम चाहे किसी के पक्ष में हो,मगर नए उत्साह के साथ शांति पूर्ण माहौल में चुनाव होना एक अच्छा संकेत है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र है।अब वहां चुनी हुयी सरकार जनकल्याण का कार्य करेगी। अब वहां भी सरकार का कार्यकाल देश के अन्य राज्यों की तरह 5 साल का होगा। पहले 6 साल होता था।
जाने माने समाजसेवी एवं देश में कई जनांदोलनों के वाहक रहे अरविंद पाठक कहते हैं,कि सरकारें किसी की बने, मगर चुनाव स्वस्थ माहौल में होना चाहिए।एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि हर चीज़ का एक निर्धारित समय होता है। बदलाव प्रकृति का नियम है। यह बात सही है,कि 2014 एवं 19 बाली स्थिति में भाजपा नहीं है।
मिथिला आंदोलनकारी एवं रसायन शास्त्र के प्रो अमरेंद्र झा कहते हैं,कि जम्मू-कश्मीर एवं हरियाणा में इस बार हवा का रुख भाजपा के खिलाफ हैं। हरियाणा की स्थिति तो ऐसी है,कि वहां कॉंग्रेस की सरकार बनना तय दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील केशव चौधरी कहते हैँ, कि जम्मू-कश्मीर में नए माहौल में चुनाव होना केंद्र सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है। परिणाम किसी के भी पक्ष में हो, यह मायने नहीं रखता है। एल.एस.