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बद्रीनाथ त्रासदी; ग्लेशियर गिरने से मलबे में दबे मजदूर, बचाव कार्य जारी

बद्रीनाथ त्रासदी; ग्लेशियर गिरने से मलबे में दबे मजदूर, बचाव कार्य जारी

देहरादून :  मौसम ने एक बार फिर से करवट बदल ली है. हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. निचले इलाकों में बारिश होने लगी है. दो दिन से बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी के कारण शुक्रवार सुबह यहां बड़ी तबाही मच गई. भारी बर्फबारी के बाद ग्लेशियर टूट गया. इससे 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए. हालांकि, 10 मजदूरों को बचा लिया गया है, जबकि 47 अभी भी फंसे हुए हैं. इतना ही नहीं, बल्कि बचाए गए दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं. आनन-फानन में सीएम पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम पहुंचे.

जैसे ही मिली जानकारी, भागे-भागे पहुंचे अधिकारी

जैसे ही प्रशासन और बीआरओ की टीम को जानकारी हुई, वैसे ही दौड़े-दौड़े मौके पर पहुंचे. सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कि चमोली बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दब गए. हालांकि 10 को बचा लिया गया है. बाकी 47 मजदूरों की ढूंढ खोज जारी है. वहीं, चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि संचार व्यवस्था काफी टॉप पर होने की वजह से सही-सही जानकारी नहीं मिल पा रही है.

इधर, रेस्क्यू ऑपरेशन में बारिश बाधा बन सकती है क्योंकि अगले 24 घंटे तक चमोली में मौसम खराब रहने का अलर्ट है. 7 जिलों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र से अलर्ट जारी किया गया है. बागेश्वर, चमोली, देहरादून, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी में तेज बारिश हो सकती है.

मौसम विभाग ने जारी किया था अलर्ट

बताया जा रहा है कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फभारी हो रही है. मौसम विभाग ने पहले ही आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ था. यहां तक कि 32 सौ मीटर से ऊपर के एरिया में बर्फबारी होने की आशंका जताई थी. साथ ही एवलांच की आशंका भी जताई थी. अब बद्रीनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर माणा घस्तौली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के पास हिमस्खलन आया है. ये जगह करीब चार हजार से पांच हजार के बीच है. इसमें 57 मजदूरों के दबे होने की सूचना है, जिसमें से 10 को बचा लिया गया है. उत्तराखंड का माणा गांव भारत और चीन के बॉर्डर पर है. यहां सेना का बेस कैंप है. लिहाजा सेना सबसे पहले बचाव कार्य में जुटी है.

बचाव कार्य के लिए अलर्ट सेना

गढ़वाल रायफल्स और 7 असम की यूनिट राहत बचाव में जुटी हुई है. 170 से ज्यादा सैनिक ऑपरेशन में हैं. ग्लेशियर फटने की घटना के बाद ही सेना को तैनात किया गया था. मौके पर डॉक्टर की टीम, एम्बुलेंस, बर्फ हटाने के लिए इंजिनियर उपकरण तैनात है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भेजा गया है. हिमस्खलन को लेकर बीआरओ की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गई हैं.

अलर्ट पर गौचर 

बता दें, 28 फरवरी 2025 को आपदा कंट्रोल रूम, चमोली से जानकारी मिली कि बद्रीनाथ धाम के निकट माणा में एवलांच आने से कुछ लोग फंसे हुए है. जानकारी मिलते ही SDRF कमांडेंट के निर्देशानुसार नजदीकी पोस्ट जोशीमठ से SI देवीदत्त बर्थवाल के नेतृत्व में SDRF टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई है. साथ ही गौचर एवम सहस्रधारा, देहरादून पोस्ट पर हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को तैयार कर दिया गया है. हादसे के बाद चमोली से SDRF की टीम रवाना की गई है.यह ग्लेशियर एक नदी पर आया है. पिछले 48 घंटों में इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है. कुछ निर्माण कार्य इस ग्लेशियर के करीब थे और उस पर बड़ा असर पड़ा है.


सीएम ने जताया दुख

वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी सोशल मीडिया पर घटना को लेकर दुख जताया. उन्होंने एक्स पर कहा कि चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है. भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं.

केदारनाथ में भी जोरदार बर्फबारी

बता दें, पहाड़ी क्षेत्रों में दो दिन से मौसम खराब है, जिसके चलते ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी तो निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है. केदारनाथ धाम में बर्फबारी से ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है. यहां आईटीबीपी के साथ पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं. जवानों को भारी ठंड में पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. यहां तीन से चार इंच तक बर्फ जम चुकी है. केदारनाथ धाम के अलावा मदमहेश्वर व तुंगनाथ धाम में भी बर्फबारी हो रही है (एजेंसी)

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