
Jan Dhan accounts: प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले हर 5 खाते में से एक खाता दिसंबर 2024 तक निष्क्रिय हो गया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय की ओर से बंद पड़े जनधन खातों को चालू करने की कवायद के बावजूद यह स्थिति है। देशभर में करीब 11 करोड़ जनधन खाते निष्क्रिय हैं। बैंक खातों को तब निष्क्रिय माना जाता है, जब खाताधारक ने लगातार 24 महीने तक उस खाते से कोई लेन-देन नहीं किया हो। मार्च 2024 में निष्क्रिय जनधन खातों की संख्या 19% थी, जो दिसंबर 2024 में 21% हो गई।
सबसे ज्यादा बैंक ऑफ बड़ौदा में खाते हुए बंद
बैंक ऑफ बड़ौदा में सबसे ज्यादा 2.9 करोड़ निष्क्रिय खाते हैं, उसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 2 करोड़, एसबीआई में 1.8 करोड़ और बैंक ऑफ इंडिया में 1.26 करोड़ निष्क्रिय जनधन खाते हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2024 में जनधन खातों में कुल जमा 2.31 लाख करोड़ रुपए था और औसतन एक खाते में 4,352 रुपए जमा थे। ज्यादातर जनधन खाते प्राथमिक रूप से प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
प्रति खाते में औसतन 4,352 रुपए जमा
जनधन योजना के तहत खातों में बढ़ते जमा और खाताधारकों की संख्या इस योजना की सफलता को दर्शाते हैं। अगस्त 2024 तक जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.31 लाख करोड़ रुपए होने और प्रति खाते औसतन 4,352 रुपए जमा होने से यह स्पष्ट है कि ये खाते समाज के कमजोर वर्गों को वित्तीय मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ईग्रो फाउंडेशन के चरण सिंह का यह कहना भी सटीक है कि ज्यादातर जनधन खाते प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए उपयोग किए जाते हैं। हालांकि, यह भी सच है कि अन्य वित्तीय उत्पादों जैसे बीमा, बचत योजनाएं, और निवेश विकल्पों तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत बनी हुई है।
यूको बैंक ने अपने वार्षिक लक्ष्य का 110% हासिल कर 10 लाख खाते खोले।
पंजाब नैशनल बैंक ने 41 लाख खाते खोलकर अपने लक्ष्य का 98% पूरा किया।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 29.5 लाख खाते खोलकर 89% लक्ष्य हासिल किया।
भारतीय स्टेट बैंक ने 66 लाख खाते खोलकर अपने लक्ष्य का 86% पूरा किया।
कुल मिलाकर सरकारी बैंकों ने 236 लाख खाते खोलकर अपने 300 लाख के लक्ष्य का 79% हासिल किया है। यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि जनधन योजना को लागू करने में सरकारी बैंक अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।(एजेंसी)