
राकेश यादव
रावण वध कर अयोध्या लौटे श्रीराम
श्रीराम का हुआ राज्याभिषेक
श्रीरामलीला के 98 वें संस्करण का समापन
छिंदवाड़ा/जुन्नारदेव : प्रदेश एवं जिले की प्रतिष्ठित रामलीलाओं में से एक नगर की रामलीला का बीते दिवस विजयदशमी के पावन अवसर पर समापन हो गया। बीते 10 दिनों से स्थानी श्री रामलीला मंच, विजय स्तंभ पर लगातार मंचित की जा रही श्री रामलीला के अंतिम दिवस रावण के राक्षसी कुल का सर्वनाश कर भगवान श्री राम के द्वारा लंका विजय प्राप्त कर ली जाती है। यहां पर अशोक वाटिका में पहुंचकर वह अपनी भार्या सीता को संग लेकर पुष्पक विमान से अपने धाम अयोध्या पहुंचते हैं। यह लीला का मंचन बीती रात्रि से रविवार कि अलसुबह तक चलता रहा। अयोध्या में भगवान श्री राम का राजतिलक कर इस लीला का समापन कर दिया गया। गौरतलब है कि जुन्नारदेव की इस ऐतिहासिक सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत के रूप में ख्याति प्राप्त रामलीला का यह 98 वां वर्ष था। दशहरे की रात से प्रारंभ हुई इस रामलीला के अंतिम दिवस की लीला का मंचन रविवार की अलसुबह को जब श्री रामजी एवं श्री रामायण जी की आरती के साथ समापन किया गया तब उपस्थित दर्शकों सहित श्री रामलीला समिति के सदस्यगण एवं पात्रगणों की आंखें भावुक होकर नम हो गई थी।
दशहरा मैदान में धूं-धूं कर जल उठा रावण पुतला
श्री रामलीला मंच से प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष से भी श्री राम दल एवं रावण दल की सेनाएं स्थानीय दशहरा मैदान, नंदलाल सूद स्टेडियम में जा पहुंची। जहां पर अपने अहंकार और मद में डूबा 51 फीट विशालकाय रावण का पुतला अट्टहास कर रहा था। यहां पर भगवान श्री राम के द्वारा उसके नाभी कुंड में स्थित अमृत कलश को अग्निबाण की वर्षा कर सुखा दिया गया और तभी रावण का यह पुतला धूं-धूं कर जल उठा। श्री रामलीला समिति के द्वारा इस दफा दशहरे मैदान पर रावण पुतले सहित मैदान के चारों ओर परंपरागत आतिशबाजी के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी की अलग से व्यवस्था की गई थी। इससे पहले इस दशहरा मैदान पर भगवान श्री राम का पूजन अर्चन किया गया। यहां रामलीला के पदेन संरक्षक विधायक सुनील उइके, पूर्व विधायक नथनशाह कवरेती, नपा अध्यक्ष रमेश सालोडे के द्वारा उद्बोधन दिया गया, जबकि स्वागत प्रतिवेदन श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन रामलीला समिति के संतोष बडोनिया एवं तरुण बत्रा (पत्रकार) के द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन महामंत्री जितेंद्र शर्मा एवं मुकेश विश्वकर्मा द्वारा प्रकट किया गया।
मेघनाथ, रावण सहित श्रीरामजी के साथ सेल्फी के लिए लगा लोगों का हुजुम
श्री रामलीला समिति के द्वारा कड़ी मेहनत कर अपने पात्रों को विशेष रूप से वेशभूषा एवं अन्य सामग्री से सजाया जाता है, जिसको लेकर दर्शकों में कौतूहल का वातावरण निर्मित हो जाता है। यही कारण था कि रंग बिरंगे, तड़क-भड़क वाले कपड़ों में मेघनाद, रावण व श्री राम जी दशहरा मैदान में पहुंचे तब वह आकर्षण का केंद्र थे। रावण पुतले के दहन के बाद श्री रामलीला मंच की ओर लौट के समय हजारों लोगों का हुज़ूम इनके साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़ पड़ा। तब यहां समिति के सदस्यों के द्वारा विशेष रूप से व्यवस्था बनाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
श्री रामलीला समिति के इन सदस्यों के अथक परिश्रम से सार्थक हुआ आयोजन
बीते लगातार 98 वर्षों से आयोजित हो रही इस रामलीला के 10 दिवसीय सफल आयोजन के पीछे श्री रामलीला समिति के सदस्यों का निस्वार्थ तथा बिना पारिश्रमिक लिए भगवान के प्रति उनका सेवा भाव व समर्पण ही काम करता है। इस समिति में प्रमुख रूप से संरक्षक ओमप्रकाश हुड़िया, अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, जितेंद्र शर्मा, नितेश राजपूत, मुकेश विश्वकर्मा, बेनी प्रसाद बरहैया, कैलाश साहू, दुर्गा डहाट, सुरेश भोला सोनी, दीपेश जैन, मनीष चौरसिया, रानू रसेला, अजय व्यास, आशीष चौरसिया, विशेष चौरसिया, नरेंद्र मिगलानी, हेमंत साहू संतोष बडोनिया, अनिल मिगलानी, अनुरोध शर्मा, संजय चौरसिया, रामगोपाल टोरिया, सत्येंद्र शुक्ला, शैलेंद्र शर्मा, राजेंद्र यादव, अमित रसेला, अजय तिवारी, प्रवीण पण्डिया सहित समस्त पात्रगणो का अथक परिश्रम रहता है।