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पहले राजनीति में सेवा, समर्पण एवं निष्ठा का भाव होता था:पांडेय।

पहले राजनीति में सेवा, समर्पण एवं निष्ठा का भाव होता था:पांडेय।

डॉ.समरेन्द्र पाठक 

वरिष्ठ पत्रकार।

नयी दिल्ली : देश के दो प्रधानमंत्रियों के सानिध्य में रहे वयोवृद्ध नेता मणि शंकर पांडेय ने कहा है,कि पहले राजनीति में सेवा, समर्पण एवं निष्ठा का भाव होता था, लेकिन अब इसमें काफी गिरावट आयी है। पांच दशक पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एन.एस.यू.आई.के प्रमुख रहे पूर्व विधान पार्षद श्री पांडेय ने यह बात एक इंटरव्यू के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय राजनीति पर गांधीवाद का प्रभाव था।

श्री पांडेय ने कहा कि पहले के नेताओं का एक खास ड्रेस हुआ करता था। वे कुर्ता धोती या पजामा पहनते थे। सर पर गांधी टोपी हुआ करता था। उनके जेहन में राष्ट्र के लिए कुछ करने की तमन्ना होती थी। सेवा, समर्पण एवं निष्ठा का भाव होता था, किन्तु समय के साथ इन तमाम चीजों में भारी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पहले विधान मंडलों एवं संसद में जाने वाले लोगों में इन चीजों को बारीकी से देखा जाता था, किन्तु अब इसके इतर जाति, धर्म एवं लिंग को देखा जाता है। धन तंत्र एक बड़ा फेक्टर हो गया है। 

एक सवाल के जवाब में लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री पांडेय ने कहा कि राजीव गांधी देश में संचार क्रांति के जनक हैं। नरसिंहराव  आर्थिक उदारीकरण के पुरोधा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इन क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है और दुनियां भी अब भारत को एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में देख रही है। एल.एस.

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