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दिवाली से पहले मिला उपहार, जीएसटी के दरों में हुआ बदलाव, घरेलू वस्तुएं होंगी सस्ती : योगेश्वर राजू सिन्हा

दिवाली से पहले मिला उपहार, जीएसटी के दरों में हुआ बदलाव, घरेलू वस्तुएं होंगी सस्ती : योगेश्वर राजू सिन्हा

संवाददाता: प्रभात मोहंती

महासमुंद :  बुधवार को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी के 4 स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% को घटाकर 2 कर दिए। अब दो स्लैब 5% और 18% होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त  में जिस दिवाली गिफ्ट का वादा किया था, उसे जीएसटी काउंसिल की मंजूरी मिल गई है। इस पर महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही कहा कि दिवाली से पहले ही देशवासियों को उपहार मिल गया है। 

उन्होंने कहा कि नए बदलावों से घरेलू वस्तुओं के साथ टीवी-एसी, कार-बाइक, इंश्योरेंस जैसी 5 कैटेगरी की जरूरतें सस्ती हो जाएंगी। वहीं दूध, पनीर, रोटी जैसी वस्तुएं अब टैक्स फ्री होंगे। इसे 22 सितंबर से लागू किया जाएगा। आगे कहा कि जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद काफी राहत मिलेगी। केंद्र में हमारी भाजपा की सरकार जो वादा करती है वो निभाती भी है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दीवाली उपहार देने का वादा किया था। दिवाली से एक माह पहले ही यह उपहार मिल गया है। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।

घरेलू वस्तुओं में काफी राहत

आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू, एसी, कार भी सस्ते होंगे। दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड, छेना समेत कई फूड  जीएसटी फ्री होंगे। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स से राहत मिला है। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी।

जीएसटी के नए स्लैब के तहत प्रभावित वस्तुएं

जीएसटी के नए स्लैब के मुताबिक 5 प्रतिशत स्लैब के अंतर्गत सॉस, पास्ता, घी, बटर, नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, प्रीजर्ल्ड मीट हेयर ऑयल, साबुन, साइकिल मिठाई, नमकीन, जैम, जेली, आचार, आइसक्रीम, बादाम, पिस्ता, हेजलनट, पाइन नट्स, 18 प्रतिशत में एयर कंडीशनर, 32 इंच से बड़े टीवी, डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिल (350 सीसी या कम), कृषि उत्पाद जैसे ट्रैक्टर, मृदा को तैयार करने में शामिल होने वाली मशीनें, खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, कंपोस्ट में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, पराली हटाने वाली मशीनें, सभी पर अब टैक्स 12 फीसदी से पांच फीसदी किया जा रहा है।

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