
डॉ.समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। श्री मोदी ने यहां आईसीएआर पूसा में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के पश्चात सहभागियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।उन्होंने कहा कि प्रो स्वामीनाथन एक महान वैज्ञानिक थे,जिन्होंने विज्ञान को जनसेवा के माध्यम में बदल दिया।
श्री मोदी ने कहा कि प्रो. स्वामीनाथन ने राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रो. स्वामीनाथन ने एक ऐसी चेतना जागृत की जो आने वाली सदियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करती रहेगी।
डॉ.स्वामीनाथन के साथ अपने कई वर्षों के जुड़ाव को साझा करते हुए, श्री मोदी ने गुजरात की शुरुआती परिस्थितियों का स्मरण किया, जहां सूखे और चक्रवातों के कारण कृषि को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। इस चुनौती से निपटने के लिए श्री मोदी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान, मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहल पर कार्य शुरू किया था।
श्री मोदी ने कहा कि भारतीय कृषि की वर्तमान ऊंचाइयों को देखकर, डॉ. स्वामीनाथन जहां भी होंगे, उन्हें निश्चित रूप से गर्व महसूस होगा। उन्होंने कहा कि भारत आज दूध, दालों और जूट के उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि !चावल, गेहूं, कपास, फलों और सब्जियों के उत्पादन में !भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है और साथ ही भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश भी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष भारत ने अब तक का अपना सर्वोच्च खाद्यान्न उत्पादन हासिल किया। उन्होंने कहा कि भारत तिलहन क्षेत्र में भी रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है, सोयाबीन, सरसों और मूंगफली का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।उन्होंने कहा कि किसानों का कल्याण देश की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने घोषणा की कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि खर्च कम करने और राजस्व के नए स्रोत बनाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को दोहराया।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने सदैव किसानों की शक्ति को राष्ट्रीय प्रगति की आधारशिला माना है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में बनाई गई नीतियां केवल सहायता के लिए नहीं, बल्कि किसानों में विश्वास जगाने के लिए भी हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि ने प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के माध्यम से छोटे किसानों को सशक्त बनाया है, जबकि पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को कृषि जोखिमों से सुरक्षा प्रदान की है और पीएम कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई चुनौतियों का समाधान किया गया है।