संवाददाता: प्रभात मोहंती
बेलसोंडा में उमड़ा जनसैलाब
हिन्दू सम्मेलन में गूँजा सामाजिक समरसता और एकता का संकल्प
महासमुंद : "हिन्दू सम्मेलन का यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का एक संकल्प है। समाज और राष्ट्र को वैभव के शिखर तक पहुंचाने के लिए जाति-पांति, ऊँच-नीच के भेदभाव किए बिना एक जुट होने आगे आना होगा। समाज की एकता ही राष्ट्र की असली शक्ति है।" उक्त उद्गार थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत बेलसोंडा के रामसत्ता चौक में भव्य 'हिन्दू सम्मेलन' में मुख्य वक्ता गोपाल यादव प्रांत सह कार्यवाह के। उन्होंने युवाओं से अपनी संस्कृति और संस्कारों से जुड़ने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता ने कहा कि "1925 में जब संघ की स्थापना हुई, तब भारत पराधीनता और आत्म-विस्मृति के गहरे अंधकार में था। उस समय संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार ने हिन्दू शब्द को गौरव के साथ पुनर्जीवित किया। इन 100 वर्षों में संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की दिशा में व्यक्ति के चरित्र पर ध्यान दिया। अस्पृश्यता का निवारण जातिवाद की दीवारों को तोड़कर एक पंक्ति में भोजन और भजन की संस्कृति विकसित की। विभाजन की विभीषिका हो या प्राकृतिक आपदाएं, स्वयंसेवकों ने सदैव 'नर सेवा ही नारायण सेवा' को चरितार्थ किया। उन्होंने कहा कि "संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर हमारा उत्सव केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि 'स्व' के जागरण का उत्सव होना चाहिए। हिन्दू सम्मेलन का अर्थ है सामाजिक समरसता का संकल्प। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को यह अनुभव हो कि वह इस विशाल हिन्दू परिवार का अभिन्न अंग है।"
पंच परिवर्तन पर अपना विषय रखते हुए विशिष्ट अतिथि संध्या शर्मा सेवानिवृत्त प्राचार्य ने समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य के पंच परिवर्तन को आवश्यक बताया। प्रयागराज कुंभ के समय एक थाली और एक थैला अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चलाया जिसके चलते वहां प्लास्टिक प्रदूषण से काफी हद तक के मुक्ति मिली। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भूतपूर्व सैनिक प्रदीप चन्द्राकर ने सनातन संस्कृति और हिन्दुत्व की बात करते हुए कहा "संस्कृति यदि शरीर है, तो हिन्दुत्व उसकी आत्मा है। हमारी संस्कृति और हिन्दुत्व का मूल मंत्र 'लोक कल्याण' है। यह किसी को मिटाने की नहीं, बल्कि सबको साथ लेकर चलने की शक्ति है। जब हम अपनी हिन्दुत्व की जड़ों से जुड़े रहेंगे, तभी हमारी संस्कृति का वृक्ष फलदायी और छायादार बना रहेगा।"
विशेष अतिथि के रूप में पारधी आदिवासी समाज के रतनी पारधी, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जीवराखन गिलहरे की उपस्थिति में प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चले बेलसोंडा के इस कार्यक्रम में लाफिन मंडल के ग्राम खरोरा, साराडीह, मुढ़ेना, नांदगांव, चिंगरौद, बम्हनी, परसट्ठी, बरोंडाबाजार, परसकोल, मचेवा, भुरका, लाफिन कला और लाफिन खुर्द के 14 ग्राम के लगभग 650 से भी अधिक संख्या में धर्मप्रेमी और युवा सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और भारत माता के पूजन के साथ हुआ।
सम्मेलन के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा मेघराज चन्दसेन के मार्गदर्शन में रामचरितमानस का सस्वर संगीतमय गायन किया गया। कस्तूरबा ट्रस्ट के बच्चों के द्वारा मनमोहन देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम का प्रारंभ भारत माता व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी की पूजा अर्चना व मंगलाचरण के पश्चात् आयोजन समिति के डॉ. वाणी तिवारी के स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमुदाय द्वारा धर्म की रक्षा और समाज में समरसता बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया। आयोजन समिति के सदस्य हुलसी चन्द्राकर जनपद उपाध्यक्ष ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अतिथियों , संघ के स्वयंसेवकों और ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। अंत में भारत माता की सामूहिक आरती के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश साहू ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से विभाग प्रचारक ठाकुर राम, खंड संघचालक भगोली राम साहू, विभाग व जिला धर्मजागरण प्रमुख विपिन शर्मा व त्रिलोक शर्मा, विभाग सामाजिक सद्भाव प्रमुख रूपेन्द्र साहू, जिला महाविद्यालयीन कार्य प्रमुख गुलाब ठाकुर, जिला सह बौद्धिक प्रमुख राधेश्याम सोनी, गौसेवा आयोग के जिलाध्यक्ष नीलेश पटेल, खंड कार्यवाह चंदन डड़सेना, सह कार्यवाह कुणाल चंद्राकर, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख उमेश भारती गोस्वामी, साजन यादव, नगर कार्यवाह राजेश डड़सेना, आयोजन समिति के योगेश चन्द्राकर, सरपंच प्रीति त्रिभुवन धीवर, उपसरपंच कुणाल चन्द्राकर, लक्ष्मीकांत तिवारी, विश्व हिन्दू परिषद से अखिलेश लुनिया, उत्तम वर्मा, भूतपूर्व सैनिक संघ से मयाराम साहू, नारायण चन्द्राकर, प्रकाश पटेल, भामिनी चन्द्राकर, भूषण चंद्राकर, लता तिवारी, एम आर विश्वनाथन, सुजाता विश्वनाथन, सुधा साहू, दिग्विजय साहू, निरंजना शर्मा, खिलावन यादव, पूजा साहनी, तुलसीदास सेन, अरुण नेताम, सरिता देवांगन, अंशु धीवर, कुंती, मीना, कौशल्या चंद्राकर, मनीषा चन्द्राकर, हेमेन्द्र चन्द्राकर, बुद्धेश्वर धीवर, पुरुषोत्तम चन्द्राकर, झरना यादव, जमुना धीवर, हिमांशु, भारती ध्रुव, प्रेम साहू, मेघराज चंद्रसेन, रामेश्वर पांडे, रूपेश कुमार साहू, राजेंद्र साहू, गजानन, घनश्याम धीवर, भीखम धीवर, धनेश साहू, एमन धीवर, विक्रम जलछत्री, टीकम चंद्राकर अनिल चन्द्राकर, मनोज देवांगन, मीनू चन्द्राकर, लता साहू, संतोष सोनी, चिंतामणी चन्द्राकर, बालकिशन चन्द्राकर, चंद्रकांत चन्द्राकर, खिलेश साहू, सहित विविध संगठन से बड़ी संख्या में मातृशक्ति व युवा उपस्थित रहे। इस अवसर पर कस्तूरबा ट्रस्ट की बालिकाओं द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में अरिहंत स्टेशनरी महासमुन्द द्वारा कस्तूरबा ट्रस्ट के सभी बच्चों को कापी व पेन प्रदान किया गया।















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