संवाददाता: प्रभात मोहंती
महासमुंद: केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा 20 वर्ष पुरानी योजना मनरेगा के नाम तथा योजना के मूल स्वरूप में परिवर्तन पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। केन्द्र सरकार की बदनियती से लिए गये इस फैसले के विरोध में प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसी क्रम में महासमुंद जिला मुख्यालय में आयोजित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सह प्रभारी विजय जांगिड़ ने कहा की मनरेगा के तहत 90% फण्ड पहले केन्द्र सरकार वहन करती थी मनरेगा में परिवर्तन के बाद केन्द्र केवल 60% फण्ड देगा तथा 40% राज्य को वहन करना होगा।
राज्यो पर 30% का अतिरिक्त बोझ ऐसे समय डाला गया है जब राज्यो की स्थिति पहले ही कमजोर है ऐसे में राज्य सरकारें इस योजना के लिए फण्ड कहा से लाएगी यह गंभीर प्रश्न है। जांगिड़ ने कहा ये विरोध-प्रदर्शन ना सिर्फ मनरेगा को कमजोर करने को लेकर है बल्कि महात्मा गांधीजी को लेकर जो भाजपा की विचारधारा है उसके भी खिलाफ है। एक तरफ भाजपा ने गरीब मजदूर को मिल रहे रोजगार की गारंटी को खत्म कर दिया तो दूसरी तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम को हटा कर अपनी गोडसेवादी सोच को एक बार फिर उजागर किया है।
खल्लारी विधायक व जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष द्वारिकाधीश यादव ने मनरेगा का नाम बदलने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अब नए बदलावों के जरिए मनरेगा के मूल स्वरूप को ही खत्म करना चाहती है। खल्लारी विधायक श्री यादव ने कहा कि महान अर्थशास्त्री और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2005 में यूपीए सरकार के तहत मनरेगा जैसी योजनाएं लागू की। जिसमें 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई और अगर समय पर काम नहीं मिलता तो बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान भी शामिल था। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, यही योजना लाखों प्रवासी मजदूरों के लिए जीवन रेखा साबित हुई, जिसने अपने गांवों में लौटे लोगों को रोजगार दिया।
विधायक श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है - महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से। मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है - करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ। मगर, प्रधानमंत्री मोदी को यह योजना हमेशा खटकती रही, और पिछले कुछ सालों से इसे कमजोर करने की कोशिश करते रहे हैं। आज वो मनरेगा का नामो-निशान मिटाने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि यह नया बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है - मोदी सरकार ने पहले ही भयंकर बेरोज़गारी से भारत के युवाओं का भविष्य तबाह कर दिया है, और अब ये बिल ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी को भी खत्म करने का ज़रिया है। हम इस जनविरोधी बिल का पुरजोर विरोध करेंगे।
कार्यक्रम को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरजीत चावला ने भी संबोधित करते हुए कहा की मनरेगा कांग्रेस शासन की एक सफल योजना है जो ग्रामीण क्षेत्र में बेरोज़गारी दूर करने में मील का पत्थर साबित हुई है भाजपा सरकार के पास कोई सफल योजना नहीं है इसलिए कांग्रेस की इस सफल योजना को कमजोर स्वरूप देकर अपनी खीज साबित करने की कोशिश कर रही है मगर हम यह होने नहीं देंगे। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया जिसमें प्रमुख रूप से सरायपाली विधायक चातुरी नंद, जिला प्रभारी दिनेश यदु, पूर्व जिला अध्यक्ष आलोक चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष केशव चंद्राकर, महेंद्र चंद्राकर लक्ष्मण पटेल, दाऊलाल चंद्राकर, हीरा बंजारे, गणेश शर्मा, अंकित बागबाहरा, निखिलकांत साहु नितेंद्र बेनर्जी, अमन चंद्राकर, लक्ष्मी देवांगन अमर अरुण चंद्राकर, नरेंद्र सेन, भूपेन्द्र ठाकुर, सुश्री दुर्गा सागर आदि ने अपने-अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन शहर अध्यक्ष खिलावन बघेल ने किया तथा जिलेभर से धरना-प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे लोगों का आभार प्रदर्शन दिव्येश चंद्राकर ने किया।
उक्त धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए जिसमें प्रमुख रूप से ब्लॉक अध्यक्ष गण खिलावन बघेल, ढेलू निषाद, खिलावन साहू, भूपेंद्र ठाकुर, रवि निषाद, करण सिंह दीवान, संतोष पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष खिलेश्वरी ताम्रध्वज बघेल, नगर पालिका उपाध्यक्ष देवेश साहू, सेवन लाल चंद्राकार, मनोज कांत साहू, राजेंद्र चंद्राकर, हरदेव ढिल्लों, जसबीर ढिल्लों, प्रभारी महामंत्री गुरमीत चावला, जिला कोषाध्यक्ष निर्मल जैन, नितेंद्र बेनर्जी, हर्षित चंद्राकर, सचिन गायकवाड, राजेश सिन्हा राजू साहू, श्रीमती अन्नु चंद्राकर, वीरेंद्र चंद्राकर, सीटू सलुजा, गिरीश पटेल, सोनम रामटेक, टोमन सिंह कागजी, तुलसी साहू, गौरव चंद्राकर, फिरोज़ मेमन, शमीम खान, शहजान पाशा, अरिन भागीरथी चंद्राकर, मेहुल सूचक, भारत सिंह ठाकुर, तबरेज खान, राहुल लालवानी, गोपी तारक, नरेंद्र जैन, देवेश शर्मा, नुकेश महंत, अनीश राजवानी, पारस सांखला, नारायण नामदेव, सागर डोंगरे, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, अनुराग चंद्राकर, जय पवार, राजा कोशा, मोती साहू, मिंदर चावला, प्रदीप चंद्राकर, सहित सैकड़ो की संख्या में लोग कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
















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