संवाददाता: प्रभात मोहंती
महासमुंद : नगर के वार्ड नंबर 15 महामाया तालाब के पास चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास से भगवताचार्य श्रद्धा दीदी दामाखेड़ा वाले ने शुक्रवार को तीसरे दिन की कथा में भक्तों को भक्त प्रहलाद, नरसिंह अवतार और जड़भरत की कथा सुनाई और बताया कि सच्ची श्रद्धा से अगर नारायण का स्मरण किया जाए तो पुकारने से भगवान पत्थर के अंदर से भी प्रकट होकर भक्त की सदैव रक्षा करते हैं। प्रह्लाद की भक्ति इसका अनूठा उदाहरण है जो हिरण्यकश्यप जैसे पिता के होने के बाद भी नारायण की भक्ति करते रहे और उन्हें पाया। हिंदू धर्म के अनुयायियों को इसे अपने जीवन चरित्र में उतारना चाहिए। यही इस कथा का मूल सार है। श्रद्धा दीदी ने कहा कि अपने ईश्वर पर आस्था रखें। ईश्वर पर अटूट विश्वास आपकी अन्तरात्मा को मजबूती देता है। विपरीत परिस्थिति में डटे रहने का साहस आपको भीतरी शक्ति देता है। वाणी, मन विचार में सद्भावना रखें। बच्चो को शास्त्र व शस्त्र की शिक्षा दें। श्रद्धा दीदी ने कहा कि बदलते परिवेश में सनातन की रक्षा के लिए शस्त्र व शास्त्र दोनों आवश्यक है।
इससे पूर्व गुरूवार को दूसरे दिन कि कथा में श्रद्धा दीदी ने बताया कि भगवान के अनेक भक्त हैं जिनमें से कर्दम ऋषि की कथा सुनाई और छोटा सा भक्त ध्रुवजी की कथा बताई कि भक्ति में छोटा बड़ा नहीं लगता, ना ही जात पात लगता है, केवल मन में लगन होनी चाहिए भगवान मिल ही जाते हैं, जिस प्रकार ध्रुवजी भगवान को प्राप्त किए, उसी प्रकार हम भी प्रेम में भगवान को पा सकते है। उन्होंने शिव विवाह की कथा सुनाई और किस प्रकार भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति के अहंकार को तोड़ा उसे बताया। कहा कि जो कोई भी अहंकार करता है उसका भी हाल दक्ष की ही भांति होता है। कहा कि भागवत कथा सुनने से लोगों को मुक्ति की प्राप्ति होती हैं। हर दिन कथा मेंसुनने बड़ी संख्या में लोग पहुच रहे हैं।
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन 10 दिसम्बर से प्रारम्भ हुआ है जो 18 दिसंबर तक चलेगा। हर दिन दोपहर दो बजे से शाम 7 बजे तक कथा हो रही है। कथा का आयोजन विजयलक्ष्मी एवं दंतेश्वरी महिला समिति वार्ड 15 की महिलाएं करा रही हैं। आयोजको ने नागरिको से कथा श्रवण के लिए उपस्थिति की अपील की है।
















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