महासमुन्द

कलयुग में भागवत कथा ही जीवन का सार है- वैष्णवाचार्य सुरेन्द्र दास

कलयुग में भागवत कथा ही जीवन का सार है- वैष्णवाचार्य सुरेन्द्र दास

संवाददाता: प्रभात मोहंती

महासमुंद : पवित्र महानदी के तट पर बसे मां महामाया की सुन्दर संस्कार नगरी महासमुन्द में बांके बिहारी जी की ईच्छानुसार पवित्र भागवत महापुराण कथा करने का परम सौभाग्य मुद्दझे दिनांक 7 नवंबर से 14 नवंबर 2025 तक स्थानीय डॉ. तिवारी विल्डिंग के सामने, वार्ड नं. 16 महासमुंद में गुप्ता परिवार के माध्यम से उनके दिवंगत परिजनों स्व. रामकुमार गुप्ता, स्व. रविकांत गुप्ता एवं स्व अनिवाश गुप्ता की पुण्य स्मृति में इस कार्तिक मास में प्राप्त हुआ। सभी वार्डवासियों एवं महासमुन्द नगरवासियों ने इस कथामृत का रसपान किया सभी को जीवन में 1 बार अवश्य इस कथा का श्रवण करना वाहिए ।

महाराज जी ने कहा कि अपने 24 घण्टे के समय में कम से कम 30 मिनट भगवान की सेवा के लिए अवश्य निकालें। यह आध्यात्मिक साधना मनुष्य के मन, विचार और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। आज जीवन में इस कलयुग में लोग अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में भागवत कथा अमृत का श्रवण और सत्कर्म व्यक्ति को अंदर से मजबूत बनाते हैं। वैष्णवाचार्य जी ने यह भी कहा कि इंसान की सच्चे मन से गौ सेवा, ज्ञान सेवा और गंगा सेवा करें तो जीवन में आने वाली परेशानियों, बाचियां समाप्त होते जायेंगी। प्रभु की भक्ति ही एकमात्र उपाय हैं।

आज त्रेता युग के बाद कलयुग में हम सभी मानव अपना जीवन व्यतीत कर रहे है इस कलयुगी संसार में धर्म जागरण की नितांत आवश्यकता है क्योंकि सनातन से जुड़कर ही हम आज के परिवेश में हम अपने घर, परिवार, बाल गोपाल एवं कुटुम्ब समाज में एक अच्छे संस्कारवान मनुष्य बनकर अपना एवं परिवारजनों का कल्याण कर सकते हैं एवं भागवत कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किस प्रकार धर्म के सद्‌मार्ग पर चलकर आज भाई-भाई के बीच संबंधों एवं पत्ति- पत्नि के पवित्र रिश्तों में भी संस्कार के अभाव में अलगाव की स्थिति परिलक्षित हो रही है जो इस बात की और इंगित करता है कि आज कलयुग के प्रभाव से घर-घर में प्रभु राम यांके बिहारी के आदशी, जीवन चरित्र एवं धार्मिक पौराणिक कथाओं के अनुसार वर्णित अंशों को अपने जीवन मेंउतारते हुए आत्मसात करने की नितांत आवश्यकता है। यही भागवत कथा का मूल सार है।

आज भारत की पवित्र भूमि में पड़ोसी दुश्मन देश के द्वारा निरंतर अराजकता फैलाई जा रही है। 2 दिन पूर्व भारत की राजधानी दिल्ली में भारी मात्रा में विस्फोटक का प्रयोग करते हुए दिल्ली में दहशहगों द्वारा भारतवासियों की जान से खिलवाड़ करने में दिल्ली को दहलाने की नाकाम कोशिश की गई जिसमें 11 भारतीयों की आसामयिक मृत्यु हो गई जोकि बहुत ही दुखद एवं हृद‌य विदारक घटना है जिसकी मैं घोर निंदा करता है इसके लिए भारत के माननीय प्रधानमंत्रीमहोदय से आग्रह है, अनुनय है कि दिल्ली के घटित घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए यही भारत के हित में सर्वोपरि है।

वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ के इतिहास में बहुत ही ऐतिहासिक महत्व का वर्ष है। छत्तीसगढ़ को बने 25 वर्ष हो गये है। प्रदेश अपनी स्थापना की रजत जयंती मनाते हुए गौरवशाली अध्याय ही ओर अग्रसर है। इसमें छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं समस्त माननीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह है कि गौवंश के संवर्धन, गौशाला के उत्तरोत्तर विकास सहित धर्म जागरण, राम वन गमन पथ, छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम तीर्थ, ऐतिहासिक महत्व की नगरी सिरपुर, छत्तीसगढ़ के सखजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव, पहाड़ों में बसी माता बम्लेश्वरी, बस्तर में मां दंतेश्वरी, रतनपुर की मां महामाया, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी एवं चंदखुरी में श्रीराम जी के ननिहाल, माता कौशल्या मंदिर को सर्वसुविधा युक्त बनाते हुए धर्म से सभी छत्तीसगढ़ वासियों को जोड़कर, जनहित में कार्य करते रहे। यही आग्रह करते हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया जगत के साथी, मां वागदेवी के साधकों से यही अपील भागवत कथा के महासमुन्द में आज समापन के अवसर पर सभी जनप्रतिनिधियों, नगर वासियों एवं मीडिया का प्रेम, वात्सल्य प्राप्त हुआ सभी पर बांके बिहारी जी की कृपा बनी रहे। यही बांके बिहारी जी से प्रार्थना करते हैं। प्रेस वार्ता में उपस्थित लोगों के नाम पंकज सोनी, विनय गुप्ता, अनिरुद्ध गुप्ता, रमेश सोनी, पंडित कुलेश्वर फिंगेश्वर, शैलेंद्र कुमार

शुभेच्छु

(वैष्णवाचार्य सुरेन्द्र दास) श्रीधाम वृंदावन (कवर्धा)

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